वर्ष २०१८ के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए यहां नई वोटिंग मशीनें निर्वाचन आयोग ने भिजवा दी हैं। जिले की छह विधानसभा क्षेत्रों के करीब १५ सौ मतदान केन्द्रों के लिए यहां हैदराबाद से २०४६ बैलेट युनिट (बीयू) और १८७१ कंट्रोल युनिट (सीयू) लाई गई हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय के प्रतिनिधि के हैदराबाद से यहां मशीनें लाए जाने के बाद इन मशीनों का बार कोड मिलान कर भौतिक सत्यापन करा लिया गया है।
दस दिन चलेगी प्रक्रिया कलक्टोरेट में १२ से लेकर २२ जुलाई तक एफएलसी का काम किया जाएगा। निर्वाचन से जुड़े अफसर इव्हीएम को समझने और इसकी चेकिंग में लगे हुए हैं। तकनीकी जानकारी देने के लिए हैदराबाद से इव्हीएम निर्माता कंपनी के इंजीनियर यहां पहुंचे हुए हैं और वो इस दौरान होने वाली शंका का समाधान कर रहे हैं।
कांग्रेस के प्रतिनिधि पहुंचे पहले दिन गुरूवार को जिला कांग्र्रेस अध्यक्ष नवाज खान और शहर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश शर्मा कलक्टोरेट पहुंचे और उन्होंने एफएलसी की प्रक्रिया को देखा। कांग्रेस के अलावा बीएसपी के प्रतिनिधि भी एफएलसी के पहले दिन मौजूद रहे। भाजपा की ओर से किसी के भी नहीं पहुंचने की खबर है। हालांकि यह प्रक्रिया अभी और चलेगी, ऐसे में राजनीतिक दल के लोग इव्हीएम को लेकर अपनी शंका का समाधान कर सकते हंै।
वीवीपैट भी आएगा इस बार चुनाव में वीवीपैट का भी उपयोग होगा। इव्हीएम मशीनों (बैलेट युनिट और कंट्रोल युनिट) के यहां पहुंच जाने के बाद अब वीवीपैट का इंतजार है। जानकारी के मुताबिक वीपीपैट यहां अगस्त तक पहुंचने की खबर है।
क्या है वीवीपैट वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के जरिए मतदाता को इस बात की तस्दीक हो जाएगी कि उसने जिसे वोट किया है, वास्तव में उसे वोट पड़ा है या नहीं। वोटर को एक वीवीपैट से एक पिं्रटेड पर्ची दिखेगी, जिसमें उस उम्मीदवार का उल्लेख होगा, जिसे उसने वोट दिया है। कुल सात सेकंड तक यह पर्ची वोटर को दिखेगी और उसके बाद वह वीपीपैट के साथ के बॉक्स में स्वत: ही चली जाएगी।