इस वर्ष धान रोपाई पद्धति से 10066 हेक्टेयर, बोता पद्धति से 19000, कतार बोनी 7500, लेही विधि से 150, श्री पद्धति मेडागास्कर 200, नर्सरी 1066, 19000 बियासी पद्धति से की गई जिसमें धान की असिंचित फसलें 26150 हे. है। जिसमें कोदो कुटकी 12 प्रतिशत, के साथ ही अरहर 20 प्रतिशत, सोयाबीन 60 प्रतिशत तथा मूंग, उड़द, तिल, मक्का की बोवाई की गई है। वहीं किसानों द्वारा अपने घरों की बाडिय़ों में सब्जियों की बोवाई की गई है जिसमें भी कीट प्रकोप के लक्षण दिखने लगे है।
ज्ञात हो कि डोंगरगढ ब्लाक अंतर्गत भौगोलिक क्षेत्र 76334.407 हेक्टेयर जिसमें वनों का रकबा 11068.900, उसर व गैर मुमकिन भूमि 1466.723, गैर कास्तकारी भूमि 605.705, कास्त का निरा रकबा 49200, फसलों के अंतर्गत रकबा 67000, दो फसलीय का रकबा 17800, सिंचिंत धान का रकबा 12000, असिंचित धान का रकबा 18745, दलहनी फसलों का रकबा 2712, तिलहनी फसलों का रकबा 5257, कोदो 5440, कुल खरीफ फसलों का रकबा 44154, रबी खाद्यान्न फसलें 2650, रबी में दलहनी फसलें 12000, रबी में तिलहनी फसलें 8200, रबी में कुल फसलों का रकबा 22850 हेक्टेयर है। जबकि छिड़काव पद्धति से 70 प्रतिशत, नर्सरी से 30 प्रतिशत किसान धान बोवाई कर रहे है।