एक घंटे चला रेस्क्यू अभियान
टीम पहुंची और एक घंटे रेस्क्यू कर मोर को पकड़ लिया। पानी पिलाने के बाद उसका वेटनरी में स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद मनगटा के जंगल में इसे छोड़ दिया गया है। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आसपास जंगल आदि नहीं होने के बाद भी यह मोर कहां से आया। इसका वन विभाग के पास भी स्पष्ट जवाब नहीं है।
घूमते-फिरते आ सकता है, लेकिन जंगल क्षेत्र से इतनी दूरी तय करे और किसी की नजर न पड़े। इसकी संभावना भी कम है। अब सवाल यह उठ रहा है कि कहीं कोई शोकयाना तौर पर तो इसे पाल तो नहीं रखा था। यह जांच का विषय है।
डीएफओ पंकज राजपूत ने बताया कि मोर जंगल से आ गया होगा, हालांकि इसकी संभावना कम है। जहां से मिला है, उधर क्षेत्र में पूछताछ की जाएगी। फिलहाल लोगों ने उसे सोमवार को पहली बार देखने की जानकारी दी है।