गत चैत्र नवरात्रि में ऊपर मां बम्लेश्वरी मंदिर में 5111 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए थे। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायण अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन के चलते मंदिर में प्रवेश वर्जित है। स्थानीय नागरिक भी दर्शन नहीं कर सकेंगे। शासन की गाइड लाइन के अनुसार मात्र पूजा अर्चना ज्योति कलश प्रज्वलन व अन्य धार्मिक कार्यक्रम सीमित रूप से होगा।
लगातार तीसरी बार माई की नगरी डोंगरगढ़ में लगने वाले नवरात्र मेले में कोरोना के चलते ग्रहण लग गया है। आस्था व भक्ति का महापर्व चैत्र नवरात्रि कोरोना के साए में घर बैठे शुरू हो गया है। कोरोना के बढ़ते मामले में महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर है। वहीं छत्तीसगढ़ की बात करें तो दुर्ग और रायपुर के बाद राजनांदगांव जिले का डोंगरगढ़ हॉटस्पॉट बना हुआ है। जहां पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे है। मंदिर ट्रस्ट के मंत्री नवनीत तिवारी से मिली जानकारी के अनुसार इस बार भी दर्शनार्थियों के लिए मां के दर्शन वर्जित रहेंगे पर मां का दरबार चौबीसों घंटे ऑनलाईन पर दर्शन के लिए चालू रहेगा। केवल मंदिर की व्यवस्था में लगे कर्मचारियों के लिए ही प्रवेश मिलेगा। ताकि विधिवत नियमित रूप से मां की सेवा हो सके। शतचंडी यज्ञ व हवन भी होगा।
अनुविभागीय अधिकारी अविनाश भोई ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए 10 अप्रैल से 19 अप्रैल तक पहले ही राजनांदगांव जिला प्रशासन ने कम्प्लीट लॉकडाउन लगा दिया है। जिसमे सभी धार्मिक स्थल भी शामिल है। नवरात्र के दौरान बड़ी संख्या में महाराष्ट्र के दर्शनार्थी मां बम्लेश्वरी देवी के दर्शन के लिए आते हैं। इसलिए पिछले बार की तरह इस बार भी नवरात्र मेले का आयोजन स्थगित किया गया है। फिर भी एहतियात के तौर पर बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को रोकने के लिए पुलिस बल व बैरिकेडिंग सहित बैनर पोस्टर के माध्यम से उन्हें मंदिर दर्शन से रोकने का प्रयास शुरू कर दिया गया है।