इतना ही नहीं सम्मेलन कर समाज को जोडऩे और संग्रहित करने, संगठन तैयार कर प्रदेश जिला, तहसील के साथ गांव- गांव में सक्रिय करनें, लड़का लड़की दोनों को बराबर शिक्षा प्रदान करने, जल जंगल जमीन की रक्षा, जनचेतना चलाकर समाज को भाषा, धर्म, संस्कृति ज्ञान एवं रीतिरिवाज को आगे बढ़ाने, कानून संविधान से हटकर चलने वालों में सुधार करने, प्राकृतिक जड़ीबूटी का संग्रहण करने, महिलाओं को संगठन स्तर पर मजबूत करनें, गोंडवाना गौरा कलश स्थापना एवं संचालन, पंजीयन के आधार पर क्षेत्रीय पदाधिकारियों को क्रमवार स्थापित करनें जैसे उददेश्यों को शामिल किया गया है। मृत्यूभोज बंद कर शोकाकुल परिवार को नगद राशि की सहायता सहित अन्य सहायता देने जैसे पहल की शुरूआत भी की गई।
गोंडवाना समाज अब समाज के बच्चों को गोड़ समाज के संस्कार, धर्म सहित इतिहास बताने पांड़ादाह में गोंडवाना स्कूल का संचालन शुरू करेगा। तहसील अध्यक्ष संतराम छेदैया ने बताया कि तहसील भर में समाज के लोगों की संख्या के आधार पर पांड़ादाह में स्कूल का संचालन कर गोंड़ी धर्म संस्कृति और भाषा समाज के बच्चों को दिए जाने की तैयारी है इसके लिए रूपरेखा तैयार कर इसकी शुरूआत की जाएगी। समाज द्वारा समाज के देवी देवताओं को मानने एवं रीतिरिवाज अनुसार पूजा-पाठ करने की पहल शुरू की जाएगी। माज के अधिकृत पूजारी भूमकाल ही अब समाज के कार्यों में पूजापाठ करेंगे। बैठक में खैरागढ़ तहसील भर के सामाजिक सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे।