script‘सरकारÓ ने नहीं सुनी गुहार तो ग्रामीणों ने खुद बना दी सड़क | 'Government' did not listen, villagers made the roads themselves | Patrika News
राजनंदगांव

‘सरकारÓ ने नहीं सुनी गुहार तो ग्रामीणों ने खुद बना दी सड़क

औंधी क्षेत्र के सरखेड़ा में ग्रामीणों ने श्रमदान कर बनाई तीन किलोमीटर सड़क

राजनंदगांवJul 08, 2018 / 10:36 am

Nitin Dongre

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‘सरकारÓ ने नहीं सुनी गुहार तो ग्रामीणों ने खुद बना दी सड़क

राजनांदगांव. धुर माओवाद प्रभावित क्षेत्र औंधी इलाके के लोगों ने अपनी जागरूकता और सक्रियता से सरकार को आइना दिखाने का काम किया है। इस क्षेत्र के सरखेड़ा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने अपने गांव से लेकर तीन किलोमीटर खराब सड़क को श्रमदान कर बनाने का काम किया है। अब औंधी और मानपुर तक जाने के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। करीब डेढ़ सौ ग्रामीणों ने श्रमदान कर बारिश में बर्बाद हो चुकी सड़क को तैयार किया है।

राजनांदगांव जिले के आखिरी छोर पर बसे औंधी के ग्राम पंचायत सरखेड़ा के आश्रित ग्राम गौतमपुर के लोगों ने अपनी मेहनत से मिसाल कायम कर दिया है। इस क्षेत्र से औंधी को जोडऩे वाली सड़क शुरूआती बारिश में ही पूरी तरह खराब हो गई और यहां से आवाजाही मुश्किल हो गई थी। यही हाल रहता तो बारिश में यह गांव अन्य इलाकों से पूरी तरह कट जाता। लोगों को आपात सुविधाओं के लिए भी मोहताज होना पड़ता लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
मांग हो गई अनसुनी

शुरूआती बारिश में ही सड़क के खराब हो जाने को लेकर गौतमपुर के निवासियों ने ग्राम पंचायत में सड़क बनाए जाने को लेकर आवेदन दिया था। पंचायत की ओर से इस दिशा में कोई ध्यान नहीं देने और शासन स्तर पर मामला नहीं भेजे जाने के कारण लोग परेशान थे। हालत यह हो गई थी कि इस सड़क पर पैदल चलना तक दूभर हो गया था।
आगे आए लोग

ग्राम गौतमपुर के अभिलाष बाम्बोडे ने बताया कि शासन और प्रशाशन द्वारा कोई रूचि नहीं दिखाने के कारण ग्रामवासियों ने सड़क बनाने का बीड़ा खुद उठाने की ठानी और सभी ग्रामवासी मिलकर सड़क निर्माण में लग गए। ट्रैक्टर से मुरूम ढुलाई कर सड़क पर बिछाना प्रारम्भ कर दिया। देखते ही देखते 3 किलोमीटर की खराब सड़क आने जाने के लायक हो गई।
इनका रहा सहयोग

श्रमदान में गौतमपुर के 150 ग्रामीणों ने अपना सहयोग दिया। मुख्य रूप से पवन रामटेके, तुलसी रामटेके, कालिदास बम्बोद, अखिलेश बम्बोडे, झाड़ू रामटेके, मायाराम यादव, ज्ञान साय वालको, सुरेश उसारे, भाऊराव, जागेश्वर सहित गांव की महिला-पुरुष ने सड़क बनाने में अपना सहयोग प्रदान किया।
अब डामरीकरण की है आस

गांव वालों के इस काम की आसपास में खूब सराहना हो रही है। छोटे छोटे बसाहटों में मुख्यमंत्री सड़क योजना के विस्तार के दावे के बीच उम्मीद की जा रही है कि सड़क को लेकर जागरूकता दिखाने वाले इन ग्रामीणों की गुहार सरकार तक पहुुंचेगी और इस गांव तक डामर की सड़क बन सकेगी।

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