मिली जानकारी मुताबिक गांव के पांच लोगों एवन साहू मुरली धुर्वे, रोशन साहू, नीतेश साहू और सूरज साहू से दुकान देने के नाम पर 60-60 हजार रूपए पंचायत की बिना सहमति के दुकान आबंटित करने के नाम से साल भर पहले लिया गया, जिसे लेकर पंचायत से कोई रसीद भी नहीं दी गई, उस दौरान उन्हें कहा गया कि निर्माण में इससे ज्यादा राशि खर्च होने पर पंचायत वहन करेगी, वर्तमान सरपंच मनोज साहू, उपसरपंच विष्णु साहू सहित अन्य ने दुकान की चाबी मांगी, तो पता चला कि निर्माण संबंधी किसी भी प्रकार की फाइल पंचायत कार्यालय में ही नहीं है।
कार्रवाई की मांग की गई थी पता चला है कि अपने लोगों को उपकृत करने पूर्व सरपंच और उपसरपंच ने हितग्राहियों से पैसा लेकर निर्माण कराया और चुनाव में दोबारा जीतकर आने के बाद सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर लेने की तैयारी की गई थी, लेकिन पंचायत चुनाव में हार के बाद नए प्रतिनिधियों के आने से मामला खुल गया। इसकी शिकायत भी सरपंच मनोज साहू सहित ग्रामीणों ने जनपद पंचायत सीईओ से करते कार्रवाई की मांग की थी।
पंचायत से बिना स्वीकृति बना लिया काम्पलेक्स पंचायत में किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत स्थल का नक्शा खसरा, इस्टीमेट सहित मांग पत्र देती है, जिसके बाद प्रशासकीय स्वीकृति साथ ही कार्यारंभ करने संबंधित के साथ अनुबंध होता है। फिर कार्य की प्रगति के आधार पर मूल्यांकन सत्यापन उपरांत निर्माण एजेंसी को भुगतान किया जाता है, लेकिन यहां बिना मांग पत्र, प्रशासकीय स्वीकृति के दुकान बनाकर पूर्व प्रतिनिधियों ने आबंटन करने अपने लोगों को तैयार किया और बकायदा बिना रसीद दिए राशि भी ले ली। निर्माण पूरा होने के बाद आबंटन की प्रक्रिया पूरी कराने वर्तमान सरपंच सहित पंचायत ने काम्पलेक्स का कब्जा और चाबी मांगी तो मामले का पता चला।
दस्तावेज देने कहा गया मामले की जांच को लेकर एसडीएम और जनपद सीईओ को शिकायत के बाद काम्पलेक्स निर्माण की जांच करने पहुंचे नायब तहसीलदार मनीषा देवांगन, एसडीओ आरईएस सीके तंखीवाले, पंचायत इंस्पेक्टर चित्रदत्त दुबे ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ राशि देने वालो का बयान लिया है। मामले को लेकर संबंधितों को पंचायत प्रस्ताव कापी सहित अन्य दस्तावेज देने कहा गया है उसके बाद कार्रवाई होगी। इधर पंचायत सरपंच सहित पंचगण मामले में अब सीधे तौर पर शिकायत कर पूर्व सरपंच पर कार्यवाही कराने की तैयारी में जुटे है बताया गया कि काम्पलेक्स निर्माण मामले में पंचायत के बिना जानकारी और स्वीकृति के निर्माण कार्य कराने, ग्रामीणों से राशि लेने सबंधी मामलों में शिकायत देकर सीधे कार्रवाई की मांग की जाएगी।