फागुन शुक्ल पूर्णिमा को होलिका दहन के बाद चैत्र कृष्ण पक्ष एकम को सत्यनारायण मंदिर से भगवान राधाकृष्ण भक्तों और श्रद्धालुओं के साथ होली खेलने के लिए निकलेंगे। सत्यनारायण मंदिर समिति के तत्वावधान रंगोत्सव पर्व पर गाजे-बाजे के साथ भगवान राधा-कृष्ण की शोभायात्रा निकाली जाएगी। रथयात्रा मंदिर से सुबह 9 बजे निकलकर शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेगी। सत्यनारायण मंदिर रंगोत्सव समिति द्वारा प्रतिवर्ष गंज चौक स्थित बालाजी मंदिर के समक्ष होने वाले होलिका दहन के दूसरे दिन रंगोत्सव का त्यौहार मनाए जाने की परंपरा है, इसी आधार पर बालाजी मंदिर के होलिका दहन 24 मार्च को आधार मानते हुए 25 मार्च को रंगोत्सव मनाए जाने का निर्णय लिया गया है।
समिति के अध्यक्ष अशोक लोहिया ने बताया कि मंदिर समिति वर्षों से हिंदू संस्कृति के विभिन्न त्योहारों को सार्वजनिक रूप से मनाती आ रही है। इसी तारतम्य में 33 वर्ष पूर्व यह परंपरा नगर के प्रतिष्ठित, सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धेय स्व. नथमल जी अग्रवाल की प्रेरणा से प्रारंभ की गई थी।
शहर के भजन गायक होंगे शामिल शोभायात्रा को भव्यता प्रदान करने सभी भक्तों की एकरूपता को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष सभी भक्तों के लिए दुपट्टे मंगाए गए हैं। रंगोत्सव समिति द्वारा मंदिर के समक्ष रथयात्रा प्रारंभ होने के समय उपस्थित सभी भक्तों को दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया जाएगा। शोभायात्रा की विशेषता यह होती है कि प्रत्येक भक्त केशरिया रंग में रंगा होता है। संस्कारधानी के सभी भजन मंडलियों व भजन गायकों को इस अवसर पर फागुन के भजन गायन के लिए आमंत्रित किया गया है।
भव्य रथ तैयार, झांकी को आकर्षक बनाया गया रंगोत्सव पर नवीनता लिए भव्य रथ को तैयार किया गया है। रथ के पृष्ठ भाग में आर्च रहेगी, उसके सामने भगवान राधाकृष्ण की बड़ी मूर्ति रहेगी एवं दो गोपियां नृत्य करते हुए दिखाई देगी। एकदम सामने मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित अखंड ब्रह्मांड नायक युगल सरकार भगवान राधाकृष्ण विराजमान होंगे। जिस पर आम नागरिक बिना किसी जाति-धर्म, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब के भेदभाव से ऊपर उठकर रंग, गुलाल, इत्र चढ़ाकर भोग प्रसाद लगा सकेंगे। रथ से ही फौव्वारों से भक्तों के ऊपर केसरिया रंग की फुहार लगातार होती रहेगी। इस शोभायात्रा में उपयोग किया जाने वाला केसरिया रंग विशेष होता है। जिसे अपने ऊपर डलवाने के लिए भक्त तैयार रहते हैं। शहर में शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया जाएगा। लोग फूलों से भी राधा-कृष्ण का स्वागत करेंगे। उत्सव मनाया जाएगा।