क्षेत्र में इन दिनों लॉकडाउन का फायदा उठाकर रेत और मुरुम का धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा छुरिया प्रशासन को लगातार शिकायत की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि प्रशासनिक टीम कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंचती भी है, लेकिन समझाइश और सेटलमेंट से काम पूरा हो जाता है। लोगों में यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर इस क्षेत्र में किस बड़े और दबंग नेता का इस अवैध कार्य को वरदान मिला है। किसके कहने पर प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंचने के बाद भी कार्रवाई करने के बजाए उल्टे पांव लौट जा रही है।
शासन को लग रहा चूना
जिले भर में लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए शिवनाथ से रेत की अवैध निकासी भी जोरो पर है। इधर खनिज विभाग के अधिकारी भी खामोश बैठे हुए हैं। यही कारण है कि बिना रायल्टी के रेत और मुरुम का अवैध उत्खनन करने में माफिया पूरी तरह सक्रिय होकर काम कर रहे हैं। इससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
दिन रात हो रही खुदाई
दिन-रात नदी में जेसीबी से रेत की निकासी हो रही है। मुरुम खनन का भी हिसाब नहीं है। इसे अधिकारी भी स्वीकार रहे है कि कहीं-कहीं रात में खनन हो रहा है, लेकिन रंगे हाथ नहीं पकड़े जा रहे। बताया जा रहा है कि क्षेत्र के छुटभैये नेता भी इस कार्य में सक्रिय हैं। इससे पता चलता है स्थानीय अधिकारी किस कदर अपने कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं।
मामले में छुरिया के तहसीलदार शिवकुमार कंवर ने बताया कि बड़े खदानों में कहीं भी खनन नहीं चल रहा है। कहीं-कहीं से चोरी-छिपे अवैध खनन कर रहे होंगे तो मालूम नहीं। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।