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राजनंदगांव

बच्चों के हक पर डाका डाल रहा मध्याह्न भोजन चलाने वाला समूह

गड़बड़ी पर शिक्षा विभाग का ध्यान नहीं

राजनंदगांवMay 04, 2018 / 03:08 pm

Nakul Sinha

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खैरागढ़. ब्लाक को सूखा ग्रस्त घोषित करने के बाद खैरागढ़ क्षेत्र के प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में बच्चों को गर्मी के दिनों में बुलाकर मध्याह्न भोजन देने की कवायद में गड़बड़ी सिर चढ़कर बोल रही है। अप्रैल माह में ग्रीष्मकालीन अवकाश लगने के पहले ही ब्लाक के प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में गिनती के छात्र पहुंच रहे हैं। कई स्कूलों में तो केवल शिक्षक ही पहुंच रहे हैं। इसके बाद भी बच्चों को मध्याह्न भोजन खिलाने के नाम पर कोताही बरती जा रही है। शहर सहित ब्लाक के अधिकांश स्कूलों में बच्चों के नहीं पहुंचने के बाद भी मध्याह्न भोजन बनना और बच्चों द्वारा खाना दिखाकर सरकारी आदेश के नीचे बड़ा खेल शुरू हो गया है।

उल्लेखनीय है कि ब्लाक में 221 प्राथमिक और 97 माध्यमिक शाला संचालित हैं। सूखे की मार के बाद प्रशासन द्वारा गर्मी के अवकाश में भी इन स्कूलों के बच्चों को स्कूल बुलाकर मध्याह्न भोजन खिलाने के आदेश दिए हैं। अप्रैल की शुरूआत में ही स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद बच्चों की संख्या नहीं के बराबर है। आखिरी सप्ताह में भी अधिकांश स्कूलों में केवल शिक्षक ही अपनी उपस्थिति दे रहे हैं। ऐसे में मध्याह्न भोजन के रिकार्ड में कई स्कूलों में आधी से ज्यादा दर्ज संख्या बताई जा रही है।

उपस्थिति दिखाना मजबूरी
सूखे की मार झेलने के बाद प्रशासन ने शिक्षा विभाग को अनिवार्य रूप से मध्याह्न भोजन व्यवस्था ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान बनाए रखने के आदेश दिए हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग और स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों के लिए मध्याह्न भोजन व्यवस्था चुनौती बन गई है। 23 से 27 अप्रैल तक शहर के कई प्राथमिक शालाओं के साथ ग्रामीण स्कूलों का मुआयना करने पर यही बात सामने आई। शहर के सोनेसरार प्राशा में बच्चे तो एक भी नहीं मिले, लेकिन मौजूद शिक्षकों ने 38 बच्चों की उपस्थिति का हवाला दिया। जबकि स्कूल में कोई बच्चा नहीं मिला। शिक्षकों से पूछने पर 56 दर्ज में 38 का मध्याह्न भोजन में उपस्थिति की जानकारी दी। मध्याह्न भोजन नहीं दिखने पर शिक्षकों ने बताया कि भोजन अन्यंत्र बनवाया गया है। जहां बच्चे गए हैं। अधिकांश स्कूलों में यही स्थिति मिली। ग्रामीण स्तर पर स्कूलों में बच्चों की संख्या काफी कम दिखी, लेकिन मध्याह्न भोजन पकते एकाध दो जगह जरूर दिखा।

अवकाश में चलना मुश्किल
एक मई से ग्रीष्म कालीन अवकाश लगने के बाद स्कूलों में मध्याह्न भोजन व्यवस्था संभालना मुश्किल होगा। गर्मी और छुटिटयों के कारण ऐसे ही बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच रहे हैं। मध्याह्न भोजन के लिए शिक्षकों की छुटिटयां बरबाद होगी तय है, लेकिन मध्याह्न भोजन के लिए बच्चों को स्कूल तक लाना टेढ़ी खीर साबित होगी। शिक्षा विभाग हालांकि सभी शिक्षकों को निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन इस पर अमल करना मुश्किल होगा। बताया गया कि इसमें पीछे से कमाई का तरीका भी कतिपय स्कूलों में निकाला जा चुका है। बच्चों के नहीं आने के बाद भी रजिस्टर में उपस्थिति दिखाई जा रही है।

कार्रवाई की जाएगी
बीईओ खैरागढ़ महेश भूआर्य का कहना है कि मध्याह्न भोजन का संचालन ग्रीष्म अवकाश में कराने स्कूलों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। किसी भी स्कूल में गलत जानकारी सामने आने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

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