इधर पत्थर खदान संचालक ने कहा कि भरकाटोला पत्थर खदान संचालन के लिए प्रशासन को लाखों रूपए की राजस्व देते है। लेकिन प्रशासन पंचायत को रायल्टी की राशि भेजते है या नही ये मामूल नही है। इधर जिस प्रकार से गांव का विकास नही हो रहा है ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि प्रशासन द्वारा राजस्व रायल्टी की राशि पंचायत को नही दिया जा रहा होगा। फलस्वरूप गांव के मुख्य मार्ग में सीसी रोड सहित विभिन्न मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है।
ग्राम पंचायत सहसपुर दल्ली के आश्रित ग्राम भरकाटोला में हर साल पेयजल की समस्या विकराल रूप ले लेती है। पंचायत स्तर पर जैसे तैसे पेयजल व निस्तारी की व्यवस्था की जाती है। पर वह भी पर्याप्त नहीं होता है। पिछले साल ग्रामीणों ने पेयजल की समस्या को लेकर कलक्टर से भी शिकायत की थी। लेकिन समस्या जस की तस है। कुछ ग्रामीणों का कहना है यह समस्या कुछ सालों में ज्यादा बढ़ गई है। इसका प्रमुख कारण गांव से लगे पत्थर खदान को मानते है। क्योंकि पत्थर खदान की गहराई अधिक होने के कारण जलस्तर नीचे चला गया है। फलस्वरूप गांव में पेयजल की समस्या बरकरार है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सहसपुर दल्ली को पिछले पांच सालों में राजस्व रायल्टी नही मिला है। जिसके कारण गांव का विकास नहीं हो पाया। जबकि रायल्टी वाले क्षेत्र होने के चलते गांव में गौठन समतलीकरण, खेल मैदान, मुरमीकरण, गलियों में सीसी रोड का अभाव है। मतलब साफ है पंचायत को प्रशासन द्वारा रायल्टी के नाम पर फूटी कौड़ी नही दिया गया है।