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राजनंदगांव

कॉलेजों में मूलभूत सुविधाएं नहीं, छात्रों को मोबाइल बांटने की तैयारी में मुखिया

उच्च शिक्षा व्यवस्था का जिले में बंटाधार

राजनंदगांवSep 10, 2018 / 03:52 pm

Nitin Dongre

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कॉलेजों में मूलभूत सुविधाएं नहीं, छात्रों को मोबाइल बांटने की तैयारी में मुखिया

राजनांदगांव. जिलेभर में उच्च शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। कॉलेजों में मूलभूत सुविधा का अभाव है। भवन, प्राध्यापक, पेयजल, बाथरूम, छात्रावास व लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं की कमी बनी हुई है। कई ऐेसे कॉलेज हैं, जहां विभिन्न विषयों की अब तक पढ़ाई भी शुरू नहीं हुई। कुछ ऐसे भी कॉलेज हैं, जहां पीजी कक्षाएं संचालित नहीं होने के कारण क्षेत्र के विद्यार्थियों को मजबूरी में पढ़ाई छोडऩी पड़ती है। इस तरह की स्थिति से शासन-प्रशासन भी अवगत हंै।
इसके बाद भी प्रदेश के मुखिया संचार क्रांति योजना के नाम पर कॉलेज के विद्यार्थियों को मोबाइल थमाने की तैयारी में हंै। जबकि आज की स्थिति में कॉलेज के प्राय: विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन है। उन्हें जरूरत है बेहतर भवन, प्राध्यापक व कॉलेज में जरूरी सुविधाओं की। बहरहाल कॉलेज के विद्यार्थियों को मोबाइल बांटने की तिथि तय नहीं हुई है, लेकिन जिलेभर के करीब १२-१४ हजार विद्यार्थियों को मोबाइल बांटने की तैयारी है।
टेबलेट बांटे, किसी काम का नहीं

सरकार ने इससे पहले कॉलेज के विद्यार्थियों को टेबलेट का वितरण की थी। इसकी क्वालिटी व मेमोरी स्पेस कम होने का खुलासा हुआ था। इसके अलावा इसमें खराबी आने पर सुधारकों ने नहीं बन पाने की बात कही। विद्यार्थियों को इस टेबलेट से किसी प्रकार कोई फायदा नहीं मिला।
जानिए किस कॉलेज में कैसी समस्या

शासकीय दिग्विजय कॉलेज- यह जिले का सबसे बड़ा कॉलेज है। यहां करीब ५ हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। पर्याप्त पार्किंग की सुविधा नहीं है। गाडिय़ां कॉलेज के बाहर सड़क पर खड़ी रहती हैं। लीडिंग कॉलेज होने के बावजूद यहां हिंदी-इंग्लिश की कक्षाएं नहीं लग रही। भर्ती स्टूडेंट के हिसाब से कक्षाएं छोटी पड़ रही है। पंखे आदि बंद पड़े हैं। नियमित प्राध्यापकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित। अतिरिक्त कोर्सेज की कक्षाएं नहीं लग रही। पर्याप्त लैब की सुविधा नहीं है।
रानी अवंती बाई घुमका कॉलेज- घुमका कॉलेज में लगभग ६५० विद्यार्थी हैं। यहां भवन व कमरे का अभाव है। सुरक्षागार्ड नहीं है। कंम्प्यूटर कक्ष है, लेकिन कोर्स नहीं है। एमए, एमएससी व एमकॉम कोर्स संचालित नहीं किए जा रहे। कांन्फे्रंस हॉल, खेल मैदान, बाऊंड्रीवाल, छात्रावास व प्राध्यापकों की कमी बनी हुई है।
नेहरू कॉलेज डोंगरगढ़- यहां लगभग ६०० से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिए प्राध्यापक नहीं है। लाइब्रेरी हैं, तो पुस्तकें नहीं हैं। छोटे कमरे होने के कारण विद्यार्थियों को खड़े रहकर पढ़ाई करनी पड़ती है। ऑडीटोरियम नहीं है। पार्किंग का अभाव है। यही हाल एलबी नगर व रामाटोला के कॉलेज का है। पीजी क्लास की सुविधा नहीं है।
डोंगरगांव कॉलेज- यहां ८-९ सौ विद्यार्थी है। मुख्यमंत्री जब यहां से विधायक थे, तब उन्होंने यहां के कॉलेज में ऑडीटोरियम की घोषणा की थी, जो अब तक नहीं बन पाई। २० कंप्यूटर हैं, ज्यादातर खराब पड़े हैं। नियमित प्राध्यापक, खेल मैदान, लाइब्रेरी में अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें व लैब नहीं है।
लालचक्रधर शाह अंबागढ़ चौकी कॉलेज- यहां ६०० से अधिक पढ़ाई कर रहे हैं। डीसीए, पीजीडीसीए और अन्य विषयों में पीजी की कक्षाओं के लिए मान्यता नहीं है। यहां भी कमोबेस मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी हुई है।
साइंस कॉलेज- नियमित प्राध्यापक व कमरों की कमी। खेल ऑफिसर नहीं। कैंटीन, लाइब्रेरी, छात्रावास व ऑडीटोरियम नहीं। स्मार्ट क्लास का पता नहीं। पीजी कक्षाएं नहीं, बीए सकंाय में पर्याप्त विषय नहीं, सीटस की कमी।

कमला देवी राठी महाविद्यालय- यहां लगभग १४०० छात्राएं अध्ययनरत हैं। यहां भी नियमित प्राध्यापक व लाइब्रेरी की कमी है। सुरक्षा गार्ड नहीं। डीसीए-पीजी डीसीए और अन्य विषयों में पीजी कक्षाएं नहीं है।
विद्यार्थियों को चुनाव किया जाएगा

ग्रामीण क्षेत्र से जिला मुख्यालय पढ़ाई करने आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए शासन-प्रशासन से अलग से बस चलाने की मांग रखी गई थी, लेकिन इस पर कोई पहल नहीं हुई। कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव नहीं होने के कारण छात्राओं के मुद्दों को उठाने के लिए छात्र संगठन भी ध्यान नहीं देते हैं। इस साल भी मेरिट के आधार पर सितंबर में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सविव व सीआर पद के लिए विद्यार्थियों को चुन लिया जाएगा।
छात्रहित में आंदोलन किया जाएगा

ऋषि शास्त्री, छात्रनेता ने कहा कि कॉलेज की समस्याओं को समय-समय पर शासन-प्रशासन को अवगत कराया जाता है। सुधार में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। छात्रहित में आंदोलन किया जाएगा।
अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाएंगे

डॉ. आरएन सिंह, प्राचार्य शासकीय दिग्विजय कॉलेज ने कहा कि पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए लगातार प्रयास कर व्यवस्था बनाई जा रही है। कॉलेज की अन्य सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई है।

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