गुंडरदेही से उमरवाही कुल 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पर ग्राम चांदिया से उमरवाही तक 7 किलोमीटर का सड़क मार्ग पूरी तरह से जर्जर है, आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व बनाई गयी कच्ची सड़क में अब से 15 वर्ष पूर्व राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के शासन काल में प्रथम बार डामरीकरण किया गया था जो किसी तरह पांच साल लगभग सही रहा, पर पिछलेे दस वर्षो से उक्त मार्ग में कभी डामरीकरण नहीं होने की वजह से धीरे-धीरे पहले सड़क की डामर उखड़ते गया। बाद में गिट्टयां उखड़ती गई।
यद्यपि उक्त मार्ग राजनांदगांव जिला व बालोद जिला को जोडऩे वाला एक मुख्य मार्ग होने की वजह से राहगीरो का इस मार्ग में लगातार गुजरना स्वाभाविक ही है पर सबसे ज्यादा परेशानी उन विद्यार्थियों व शिक्षकों को होती है जिन्हें उक्त मार्ग से प्रतिदिन गुजरना पड़ता है। विद्यार्थियों का कहना है कि आज भले ही हम विकास की जितनी बातें कर ले पर आवाजाही के लिए भी सक्षम व्यवस्था न दे सके तो ये कोई विकास नही कहलाएगा।
पीडब्ल्यूडी विभाग ने इस मार्ग में बने गढ्ढों को पाटने अब से 4 माह पूर्व गिट्टयां जरूर मंगवा ली है पर ये गिट्टियां अब तक इस मार्ग की शोभा ही बढ़ा रही है।
क्षेत्र के कर्मठ भाजपा कार्यकर्ता राजकुमार श्रीवास्तव, लक्ष्मीचंद जैन, जीवनचंद जैन, विनोद तिवारी, भागीरथी राणा आदि ने प्रतिनिधि को बताया कि चुनाव में इस बार सड़क समस्या की मांग भाजपा के मतो में जरूर असर डालेगा। वनांचल होने के कारण क्षेत्र के 40 ग्रामों के ग्रामीण पूरी तरह कृषि पर निर्भर है, इनकी सड़क निर्माण के अतिरिक्त दूसरी और कोई मांग नही रही है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि हमने हमारी सरकार आने पर सड़क बनवाने का वादा किया था पर अब जब चुनाव नजदीक भी आ चुका है, हमारी समस्याएं ज्यो के त्यों बनी है आखिर किस मुँह से हम पार्टी के लिए वोट मांगेंगे ?