चौधरी बुधवार को राजनांदगांव में युवा भारत कार्यक्रम के तहत युवाओं को मोटिवेशनल स्पीच देने आए। इस कार्यक्रम के पहले चौधरी पत्रिका कार्यालय पहुंचे। इस दौरान पत्रिका से बात करते हुए चौधरी ने खुद को लेकर लोगों में मन में उठने वाले सवालों और अपने भविष्य की योजनाओं पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का फैसला उनका अपना फैसला था और बहुत सोच-समझकर उन्होंने इस रास्ते को अपनाया है।
चौधरी ने कहा कि वे एक छोटे से गांव से आते हैं और उन्होंने खूब मेहनत कर आईएएस की कठिन परीक्षा पास की है। अब वे राजनीति में हैं। उन्होंने कहा कि वे पिछले आठ दस सालों से युवाओं के बीच जाकर उन्हें मोटिवेट करने का काम कर रहे हंै। राजनांदगांव में कार्यक्रम के हो रहे विरोध पर उन्होंने कहा कि लोगों को अपना नजरिया बदलना चाहिए।
कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर से सामने आ रही भावनाओं को लेकर चौधरी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए देश सबसे पहले होना चाहिए और इसके बाद पाटी, परिवार और स्वयं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पहले युद्ध के जरिए कश्मीर को हथियाने की कोशिश की और इसमें सफल नहीं होने के बाद उसने आतंकवाद जैसा हथियार अपनाया है। ऐसे में देश के युवाओं को प्रतिबद्ध होकर देश की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए।
कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर से सामने आ रही भावनाओं को लेकर चौधरी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए देश सबसे पहले होना चाहिए और इसके बाद पाटी, परिवार और स्वयं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पहले युद्ध के जरिए कश्मीर को हथियाने की कोशिश की और इसमें सफल नहीं होने के बाद उसने आतंकवाद जैसा हथियार अपनाया है। ऐसे में देश के युवाओं को प्रतिबद्ध होकर देश की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए।
पूर्व कलक्टर चौधरी ने कहा कि वे 13 साल आईएएस रहे और उन्होंने अपने प्रशासनिक जीवन के दौरान उत्सुक रहकर, जिज्ञासु रहकर काम किया है और अपना सौ प्रतिशत देने का काम किया। इस दौरान उन्हें महसूस हुआ कि लोकतंत्र में सरकार, सिस्टम और समाज को चलाने वालों में एक महत्वपूर्ण कड़ी राजनीति होती है और इस वजह से उन्हें लगा कि इस माध्यम से जुड़कर वे जनता से और जुड़ाव के साथ बेहतर काम कर सकते हंै।