जानकारी के मुताबिक पहाड़ सिंह ने ऐसे कई राज खोले हैं जिससे पुलिस के आला अफसर भी चौक गए। खासतौर पर माओवादियों को फंडिंग और उनके संपर्क के बारे में पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं जो भविष्य में माओवादियों से निपटने के ऑपरेशन में मददगार तो साबित होगा ही कई बड़े लोग भी बेनकाब हो जाएंगे। इधर 47 लाख रुपए के इनामी जेएसडी सदस्य एवं जीआरबी संगठन के सचिव पहाड़ सिंह के आत्म समर्पण से बौखलाए नक्सलियों ने कवर्धा में दो वारदात को अंजाम दिया है।
आइबी, एसआइबी और आठ राज्यों की पुलिस कर रही पूछताछ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, झारखंड और बिहार के पुलिस अधिकारी पहले से ही पूछताछ कर रही थी अब रविवार को सुबह ओडिशा और पश्चिम बंगाल के पुलिस अधिकारियों की टीम भी पहुंच गई। वे अपने-अपने राज्यों में हुई नक्सली वारदात के संबंध में पूछताछ कर रही है। पुलिस ने बताया कि माओवादी पहाड़ सिंह से लगातार पूछताछ जारी है। पहाड़ सिंह अधिकारियों का पूरा सहयोग कर रहा है।
झूठा हमदर्द बनकर आदिवासियों को गैंग में शामिल कर लेते हैं पहाड़ सिंह ने बताया कि आदिवासियों की हक की लड़ाई के लिए उनका झूठे हमदर्द बनकर उन्हें अपने गैंग में शामिल कर लेते है। हकीकत समझ आने पर उन्हें वापस भी नहीं आने दिया जाता। यदि कोई उनके चंगुल से छूटकर भागना चाहे तो उसे सीधे मौत की सजा दी जाती है। उसने बताया कि बड़े स्तर पर माओवादी संगठन के लिए काम कर रहे और कई माओवादी आत्म समर्पण करना चाहते हैं। पुलिस पहाड़ सिंह को कवर्धा, चिखली और बालाघाट भी लेकर गई थी।
पहाड़ सिंह ने किया है खुलासा माओवादियों के टारगेट में कौन-कौन पुलिस अधिकारी, जनप्रतिनिधि, व्यापारी व अन्य लोग है?
माओवादियों ने अब तक कितने आदिवासियों की हत्या की है?
माओवादियों के किस-किस दल के किन-किन नेताओं,कारोबारियों और सामाजिक व गैर शासकीय संगठनों के लोगों से संपर्क है?
माओवादी गतिविधियों के लिए फंड की व्यवस्था कहां से होती है?
बड़ा राज उगलवाले में लगी है आइबी और एसआइबी दिल्ली से इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) की पांच सदस्यीय टीम आई है। पहाड़ सिंह से पूछताछ के लिए एसएसपी के नेतृत्व में टीम बनाई गई है। इसमें तीन डीएसपी और एक सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। यह टीम पहाड़ सिंह से माओवादियों के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क के बारे में पता लगाने में जुटी हुई है।
पुलिस उनका सहयोग करेगी जीपी सिंह, आइजी, दुर्ग रेंज ने कहा कि विभिन्न राज्यों की पुलिस आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी पहाड़ सिंह से पूछताछ कर रही है। इस दौरान उसने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है। पहाड़ सिंह के आत्म समर्पण से माओवादियों की कमर टूट चुकी है। अभी तो और कई माओवादी आत्म समर्पण करने के लिए तैयार हैं। इन सब परिस्थितियों से माओवादी बौखला गए हैं। माओवादियों से अपील है कि वे शासन की मुख्य धारा से जुडं़े। बेहतर जीवन यापन करें। पुलिस उनका सहयोग करेगी।