इस शाला में पौधों के संरक्षण के लिए कोई बाऊंड्रीवाल नहीं है और ना ही पौध रोपण के लायक मिटटी ही है। परिसर के चारों ओर मुरूम है जिसमें बारिश के दिनों में घास भी नहीं उग पाता। ऐसे स्थल पर माध्यमिक शाला के शिक्षकों व बच्चों ने पिछले तीन वर्षों से पौध रोपण कर शाला परिसर को हरा भरा बनाने की ठान लिया है और 32 विभिन्न प्रजातियों के पौधों को बड़ा कर एक अद्भुत मिशाल कायम किया है। आज सभी पौधे वृक्ष का रूप ले रहे हैं।
शाला की शिक्षिका शशिकला कठोलिया ने बताया कि वे 23 सालों से संविलियन के लिए लड़ रहे थे और अब हमें संविलियन मिला है। उसे हमने एक यादगार पल के रूप में देखकर संविलियन वृक्ष का रोपण किया है। शाला परिसर में लगे वृक्षों को प्रतिदिन निरीक्षण कर उचित देखभाल बच्चों से लेकर सभी शिक्षकगण करते हैं और इसमें स्थानीय ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग रहता है। इसी का परिणाम है कि आज हमारे परिसर में 32 पेड़ सुरक्षित हैं।
शिक्षक विष्णु शर्मा व चितरेखा वैष्णव ने बताया कि इस संविलियन रूपी वृक्ष को जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बताया, जिसे एक निशानी के रूप में यादगार वृक्ष के रूप में देखा जायेगा। संस्था प्रमुख विजय ऊके ने बताया कि आज संविलियन रूपी वट वृक्ष को सभी शिक्षक साथी हमेशा याद रखेंगे और सभी शालाओं एवं अपने ग्राम में शिक्षकों व बच्चों को एक-एक पौधे का रोपण कर उसे वृक्ष बनाने का आव्हान किया। शाला के बीएल यादव ने वृक्ष की देखभाल की शपथ ली जिससे पूरा परिसर हरा भरा हो पाएगा।