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राजनंदगांव

एक दिन की कलेक्टर बनीं पीजीडीसीए छात्रा प्रतिभा, इस तरह बनाया दिन को यादगार

जिले के सबसे बड़े कैम्पस दिग्विजय महाविद्यालय की पीजीडीसीए की छात्रा आज एक दिन के लिए कलेक्टर बनी

राजनंदगांवJan 09, 2018 / 03:22 pm

Dakshi Sahu

patrika
राजनांदगांव. जिले के सबसे बड़े कैम्पस दिग्विजय महाविद्यालय की पीजीडीसीए की छात्रा आज एक दिन के लिए कलेक्टर बनी। सुबह करीब सवा दस बजे प्रतिभा कलक्टोरेट पहुंची और उसने कलेक्टर भीम सिंह से मुलाकात की।
इसके बाद वे मंगलवार को होने वाली साप्ताहिक समय सीमा (टीएल) की बैठक में कलेक्टर के साथ पहुंची। अफसरों से प्रशासनिक गतिविधियों और कार्य की उसने कलक्टर के साथ मिलकर समीक्षा की और लोक सुराज अभियान को लेकर अफसरों को कलक्टर द्वारा दिए जा रहे निर्देशों को समझा।
दरअसल, राज्य सरकार ने राज्य के सभी जिलों में ‘यूथ स्पार्कÓ योजना के तहत महाविद्यालयों में पढऩे वाले 27 होनहार युवाओं को एक दिन के लिए कलेक्टर बनाने की योजना तैयार की। होनहार युवाओं को अवसर दिया गया कि वे न केवल जिले में होने वाली हर घटनाओं पर अपनी बारीक नजर रख सकें।
आम लोगों की समस्याओं से रूबरू होकर उनके समाधान के रास्ते को भी करीब से समझ सकें। इसी कड़ी में राजनांदगांव जिले में महाविद्यालीयन छात्रा प्रतिभा यादव कड़ी परीक्षा के बाद शेडो कलेक्टर के लिए चयनित हुईं और उसने एक दिन कलक्टर के साथ बिताकर कलक्टर की भूमिका अदा की।
गौरवान्वित हूं: प्रतिभा
एक दिन के लिए कलेक्टर बनी प्रतिभा ने कहा कि कलेक्टर की जिम्मेदारियों को पाकर वह गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। उसने कहा कि बचपन से ही कलेक्टर बनने की इच्छा मन में थी और यदि भविष्य में वह कलेक्टर बन जाती हैं तो जनता के हित में काम करेंगी।
ऐसे हुआ चयन
राज्य सरकार के 14 साल पूर्ण होने और स्वामी विवेकानंद जयंती के मौके पर छत्तीसगढ़ के युवा ग्रास रूट स्तर पर राज्य सरकार की योजनाओं से जुड़ें, इसके लिए यूथ स्पार्क के तहत राज्य के सर्वश्रेष्ठ 27 युवा प्रदेश भर के 519 कॉलेज के लगभग 5 लाख युवाओं से चार चरणों में कड़ा संघर्ष कर अंतिम एवं पांचवें चरण तक पहुंचे हैं।
ये-ये चरण हुए
खेलेगा छत्तीसगढ़, जीतेगा छत्तीसगढ़ प्रतियोगिता के तहत 9500 युवाओं को छत्तीसगढ़ के इतिहास, संस्कृति, राजनैतिक, सामाजिक सरोकारों की कसौटी का कसा गया। इस चरण में 4 हजार युवाओं का चयन किया गया। चयनित युवाओं की तत्काल निर्णय लेने की क्षमता को परखते हुए उनकी ब्रेन मैपिंग की गई। इस चरण में केवल 20 मिनट में ही मोबाइल पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना था।
इसमें से 100 युवाओं को अगले चरण के लिए चयनित किया गया। इसके बाद उनके प्रेजेंटेशन, बोलने की क्षमता, भाषा पर पकड़, दिए गए विषय की गहराई को परखा गया। इस चरण में प्रतिभागियों को राज्य शासन की योजनाओं में से किसी एक योजना पर अध्ययन कर उन्हें 3 मिनट की विडियो बनाने का टास्क दिया गया था। इसमें से 27 प्रतिभागियों का चयन पांचवे चरण के लिए भेजा गया।
बन गए शेडो कलेक्टर
प्रतियोगिता का अंतिम चरण 9 जनवरी यानि आज आयोजित किया जा रहा है। इस चरण में सभी 27 प्रतिभागी एक दिन के लिए कलेक्टर की भूमिका में जिला कलक्टर के साथ प्रशासनिक कार्यों में सम्मिलित होंगे। इस दौरान होने वाली बैठक, विभागों की समीक्षा बैठक, विभिन्न कार्यों का निरीक्षण एवं विभिन्न समस्याओं के निदान की प्रकिया में शामिल होंगे।
प्रशासनिक गतिविधियों में शामिल होने के बाद उन्हें शाम को 5 बजे के बाद 3 मिनट का स्वयं का वीडियो बनाकर दिए गए अपलोड करने का टास्क दिया गया है। वीडियो के आधार पर 27 प्रतिभागियों में से टॉप 3 विजेता का चयन सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकारों की जूरी 10 जनवरी को करेगी।
इस प्रतियोगिता के प्रथम विजेता को 51 हजार रूपए, द्वितीय को 31 हजार रूपए और तृतीय को 21 हजार रूपए का पुरस्कार 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित युवा उत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के हाथों मिलेगा।

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