शहीद आरक्षक जगतराम कंवर वर्ष 2013 में एसटीएफ में भर्ती हुए थे और बीजापुर जिले में माओवाद मोर्चे पर तैनात थे। पुलिस और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में माओवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उन्होंने अपनी शहादत दे दी। सोमवार को उनके गृह ग्राम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई। माओवाद मामले में राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि पिछले दो सालों में छत्तीसगढ़ में अधिक माओवादी घटनाएं हुई है। वहीं राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक डी. श्रवण कुमार ने कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगा।
शहीद जगतराम की पत्नी का कहना है कि उनके पति ने देश के लिए अपनी जान दे दी, अब उनका कोई नहीं है। शहीद की पत्नी कुमारी बाई ने अपने दो बेटियों और एक बेटे के लिए सरकार से बेहतर व्यवस्था करने की मांग की है। साथ सरकार से कहा कि नक्सलियों की मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।
शहीद जगतराम को उनके 18 वर्षीय पुत्र दुर्गेश ने मुखाग्नि दी। शहीद जगतराम कंवर के अंतिम संस्कार में जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी और सभी ने नम आंखों से उनकी शहादत को नमन करते हुए अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए आसपास करीब 10 गांव के लोग पहुंचे थे। इसके अलावा भाजपा-कांग्रेस के जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी व कार्यकर्तागण भी मौजूद रहे।