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राजनंदगांव

छत्तीसगढ़: गरीब घर की बेटी की लंबी छलांग, युक्रेन में करेगी MBBS की पढ़ाई, ऐसे हुआ चयन

Success stroy of Chhattisgarh daughter: बिना जमीन के सामान्य परिवार होने के बाद भी बेटी की डॉक्टर बनने की चाहत को लेकर माता-पिता ने बड़ा निर्णय (MBBS is Ukraine) लिया है।

राजनंदगांवOct 03, 2019 / 08:33 pm

चंदू निर्मलकर

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छत्तीसगढ़: गरीब घर की बेटी की लंबी छलांग, युक्रेन में करेगी MBBS की पढ़ाई, ऐसे हुआ चयन

खिलेन्द्र नामदेव@खैरागढ़. ब्लाक के महिला पंचायत सचिव की बेटी यूक्रेन में डाक्टरी की पढ़ाई करेगी। मूलत किसान घर और बेहद सामान्य परिवार की बेटी (MBBS is Ukraine) विभा साहू का चयन यूके्रन की राजधानी स्थित मेडिकल कालेज में MBBS की पढ़ाई के लिए चयन हुआ है। विभा की माता संगीता साहू ब्लाक के कलकसा पंचायत में सचिव है, जबकि पिता पूर्णेन्द्र साहू ब्लाक के बिजलदेही गांव में छोटा सा मेडिकल स्टोर चलाते है (Success stroy of Chhattisgarh daughter )। बिना जमीन के सामान्य परिवार होने के बाद भी बेटी की डॉक्टर बनने की चाहत को लेकर माता-पिता ने बड़ा निर्णय लिया है। कम आय के बाद भी रिश्तेदारों से पढ़ाई के लिए व्यवस्था बनाई है। छह साल के मेडिकल कोर्स के लिए विभा बुधवार को रायपुर से दिल्ली होते युके्रन के लिए रवाना होगी।

दसवीं में बेहतर प्रदर्शन के बाद बताया निर्णय

पंचायत सचिव संगीता साहू और पूर्णेंद्र साहू की पुत्री विभा ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी है। प्राथमिक शिक्षा ब्लाक के करमतरा गांव में हुई मिडिल और हाईस्कूल शिक्षा शहर के वेसलियन स्कूल तथा हायर सेकेंडरी डीपीएस से पूरी की। दसवीं बोर्ड में विभा ने 73 फीसदी अंक प्राप्त कर परिवार और गांव का गौरव बढ़ाया। विभा ने माता-पिता को इस दौरान मेडिकल की पढ़ाई करने रूचि दिखाई। बढ़े खर्चे को लेकर पहले तो माता-पिता अवाक रहे लेकिन बेटी के निश्चय को दोनों ने किसी भी तरीके से पूरा करने की हिम्मत दिखाई। हायर सेकेंडरी की परीक्षा के बाद विभा ने दो माह का मेडिकल समर कोर्स किया। इस दौरान राजस्थान कोटा से भी मेडिकल करने का आफर परिवार ने ठूकरा दिया। कोर्स के दौरान विभा ने युक्रेन की राजधानी खार्गिव के मेडिकल कालेज में आनलाइन दाखिले के लिए आवेदन दिया था। जिसमें उसका चयन हो गया प्रदेशभर से लगभग 20 छात्र-छात्राएं यहां मेडिकल की पढ़ाई करेंगे।

परिवार संभालने माता-पिता की मेहनत


विभा दो बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी है। मां संगीता साहू परिवार की व्यवस्था बनाने 2006 में पंचायत में रोजगार सचिव नियुक्त हुई थी। छह साल बाद उन्होंने पंचायत सचिव के लिए प्रयास किया और पंचायत सचिव बनी परिवार के लालन-पालन में माता पिता ने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की ठानी। संगीता साहू ब्लाक के ढोलियाकन्हार, पेंड्रीकला के बाद फिलहाल कलकसा पंचायत में सचिव कार्य संभाल रही है। दिनभर की भागदौड़ के बाद भी बेटी के डॉक्टर बनने की चाहत को पूरा करने मां ने युक्रेन में चयन के बाद पासपोर्ट से लेकर अन्य व्यवस्था बनाने दो माह से जुटी रही।अब विभा युक्रेन की राजधानी खार्गिव के नेशनल मेडिकल कालेज में पढ़ाई करने रवाना होगी।

व्यवस्था बनाई, लोन लेकर कराएंगे पढ़ाई


विभा का चयन होने के बाद पढ़ाई की फीस को लेकर माता-पिता ने फिलहाल एक साल की फीस की व्यवस्था कर ली है। युक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए प्रति वर्ष आठ लाख रूपए फीस है। माता संगीता साहू ने बताया कि अगले साल केन्द्र सरकार की योजना के तहत बच्ची की पढ़ाई के लिए लोन लेकर विभा के डॉक्टर बनने का सपना पूरा करेंगे। इसके लिए अगले साल प्रयास किया जाएगा।

विभा करमतरा गांव से पहली छात्रा होगी जो युक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करेगी। पासपोर्ट प्रक्रिया पूरी होने के बाद मेडिकल कालेज द्वारा विभा को फिलहाल तीन माह का वीजा जारी किया गया है। विभा बुधवार को रायपुर से दिल्ली होकर युक्रेन के लिए रवाना होगी।

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