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राजनंदगांव

बाजार में उमड़ी भीड़, सोशल डिस्टेंस सहित गाइड लाइन को भूले लोग, आज शिवालयों में पूजा के बाद मनेगी राखी …

रक्षाबंधन का पर्व आज, कोरोना के कहर पर भी जारी रहेगा भाई-बहन का प्यार

राजनंदगांवAug 03, 2020 / 07:30 am

Nitin Dongre

The crowd gathered in the market, people forgot the guide line including social distance, today Rakhi will be celebrated after worship in pagoda.

बाजार में उमड़ी भीड़, सोशल डिस्टेंस सहित गाइड लाइन को भूले लोग, आज शिवालयों में पूजा के बाद मनेगी राखी …

खैरागढ़. राखी पर्व के चलते रविवार को साप्ताहिक बाजार में जमकर भीड़ उमड़ी। जगह-जगह लगी राखी की दुकानों में लोगों की भीड़ शाम तक बनी रही तो दूसरी ओर त्योहार के चलते सब्जी बाजार सहित अन्य बाजारों में भी रौनक और लोगों की भीड़ उमड़ी। सोशल डिस्टेंसिंग और गाइडलाइन भूले लोग पर्व के उत्साह में नजर आए। गोलबाजार, पुराना स्टैंड, टैम्पों चौक, ईतवारी बाजार इलाके में भीड़ के चलते कई माह बाद जाम की स्थिति दोपहर बाद से लगातार बनती रही। दोपहर में हुई बारिश के बाद मौसम खुलते ही लोगों की भीड़ बाजारों में दिखी।
सावन के आखिरी सोमवार और आखिरी दिन होने के चलते सुबह से शिवालयों में पूजा-अर्चना के बाद ही इलाके में राखी का पर्व मनेगा। सावन का आखिरी सोमवार होने के कारण लोग बड़ी संख्या में शिवालय पहुंचेंगे। सावन माह का पर्व इस बार सोमवार से ही शुरू होकर सोमवार को ही खत्म हो रहा है। इसी दिन राखी के कारण लोगों में उत्साह है। मंदिरों में पूजा-पाठ शिवालयों में अभिषेक के बाद रक्षाबंधन का पर्व शुरू होगा। रक्षाबंधन के लिए इस बार मुहुर्त की दिक्कत भी नहीं है। सुबह से लेकर शाम तक मुहुर्त के चलते भी आज मंदिरों में अपेक्षाकृत अधिक भीड़ होगी।
बसों का संचालन नही आवाजाही रहेगी कम

कोरोना संक्रमण के चलते बसों का संचालन बंद होने से रक्षाबंधन के दौरान होने वाली आवाजाही पर ब्रेक लगेगा। रक्षाबंधन के दौरान अधिकांश बहने भाईयों के पास नहीं पहुंच पाएगी। अन्य समय में इलाके में रक्षाबंधन पर्व पर बसों में भीड़ का आलम दो दिन पहले से ही शुरू हो जाता रहा है। इस बार बसों का संचालन बंद होने से आवजाही अपेक्षाकृत कम रहने की उम्मीद है। घरों में ही भाईयों की कलाई राखियों से सजेगी। बाइक सहित निजी वाहनों से भी आवजाही की उम्मीद कम है। अन्य जिलों में आवाजाही के लिए ई-पास अनिवार्य किए जाने के बाद लोग बाहर जाने से कतरा रहे हैं।
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