गौरतलब है कि पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमत व मंहगाई को लेकर कांग्रेस द्वारा सोमवार को भारत बंद का अह्वान किया गया था। बंद को कांग्रेस के व्यवसायी नेताओं ने ही अपना समर्थन नहीं दिया। शहर के अधिकांश दुकाने बंद कराने के कुछ देर बाद ही खुलनी शुरु हो गईं। वहीं कुछ बड़े नेताओं के पेट्रोल पंप व अन्य दुकानें चालू ही रहे। इस मामले को लेकर सोशल मीडिया में कई तरह की चर्चाएं चलती रही।
साइकिल व मोटर साइकिल में घूमकर मांगे समर्थन कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता सुबह दुकाने बंद कराने साइकिल व मोटर साइकिल में रैली निकाले। इस दौरान कांग्रेसी व्यापारियों व दुकानदारों से दुकाने बंद करने का अह्वान करते रहे। कांग्रेसियों के मौजूदगी तक व्यापारी अपनी दुकानें बंद रखे, लेकिन उनके जाने के बाद दुकाने धीरे-धीरे कर खुलते नजर आए। इसमें अधिकांश दुकाने कांग्रेसी व्यापारियों का भी शामिल रहा। शहर में कांग्रेस के बंद का मिला जुला असर रहा। 12 बजे के बाद लगभग सभी दुकानें खुल गई। पूर्व शहर अध्यक्ष जीतू मुदलियार अपने समर्थकों के साथ साइकिल पर घूमते नजर आए।
ग्रामीण क्षेत्र में कुछ जगहों पर मिला अच्छा प्रतिसाद बंद को ग्रामीण क्षेत्र में कुछ जगहों पर अच्छा प्रतिसाद मिला। सोमनी में जनपद उपाध्यक्ष अंगेश्वर देशमुख के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने दुकानें बंद कराई। यहां पर बंद को व्यापारियों का अच्छा समर्थन मिला। टेडेसरा सुरगी, सिंघोला, सुकुल दैहान सहित अन्य स्थानों में ग्रामीण ब्लाक अध्यक्ष गोवर्धन देशमुख के नेतृत्व में बंद को सफलता मिली। बंद के दौरान कांग्रेसियों द्वारा बंद का समर्थन मांगा गया। जिसमे सभी दुकानदार, व्यापारी, होटल, हार्डवेयर, बुक डिपो, सेलून, किराना दुकान, कपड़ा दुकान सहित अन्य समस्त वर्ग के व्यवसायियोंं ने भारत बंंद का समर्थन किया। इसके अलावा अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़ सहित अन्य जगहों पर भी बंद का असर देखा गया।
पूर्व शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जितेन्द्र मुदलियार ने कहा कि महंगाई की चरम सीमा कहां जाकर रूक पाएगी इसे कह पाना भी मुश्किल लग रहा है। सबसे अधिक परेशानी गृहणियों को झेलनी पड़ रही है। रसोई का ऐसा कोई सामान नहीं, जो महंगाई की मार से बचा हो। यहां तक की चांवल, दाल और गेंहू की कीमतें भी आसमान छू रही है।