उनका परिवार बढिय़ा से चल रहा था पर इस परिवार पर संकट के बादल तब आए जब नवीन सरकार ने आते ही नरवा, घुरवा और गौठान बनाने की योजना हर ग्राम पंचायत में शुरू करवाई, तत्कालीन कलडबरी के सरपंच ने सन 2019 में 19 लाख का गौठान निर्मित कर दी एवं चारागाह के लिए खोरबाहरा निषाद के जमीन को चयनित कर दिया। इस पर खोरबाहरा निषाद द्वारा यह कहकर आपत्ति दर्ज करवायी गयी कि मैं पिछले 75 वर्षों से इसी जमीन की मिट-टी को सींच कर अपना परिवार चला रहा हूूं यदि मेरी भूमि नहीं रही तो मेरा पूरा परिवार सड़क पर आ जायेगा पर पंचायत द्वारा हठ धर्मिता दिखाने पर खोरबाहरा निषाद द्वारा इसका प्रकरण सिविल कोर्ट में पंजीबद्ध करवा दिया गया है, जो जिला कलेक्टर और तात्कालीन सरपंच जंत्रीबाई के विरूद्ध है एवं प्रथम व्यवहार न्यायालय में विचाराधीन है। अत: जब तक न्यायालयीन प्रकिया पूरी नहीं हो जाती न तो एसडीएम और न ही तहसीलदार कोई कार्रवाई कर सकते हैं।
खोरबाहरा निषाद ने बताई आप बीती मैं ग्राम कलडबरी में ही रहता हंू मेरी छोटी सी दुकान है, पर सरपंच के कहने पर कोई भी ग्रामीण मेरी दुकान से सामान खरीदनें नहीं आता और न ही कोई ग्रामीण उनके घरवालों से बात ही करता है। कृषि कार्य के लिए उन्हे बाहर अन्य ग्राम कांपा से मजदूर लाने पड़ रहे हैं गांव में सबको हमारे घर काम में आने से मना कर दिया गया है हमें कृषि के लिए ट्रैक्टर भी दूसरे ग्राम से ही लाना पड़ रहा है। घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है।
सरपंच ने कर दी न्यायालय की अवमानना सिविल कोई में विचारधीन होने के बाद भी सरपंच कुसुमलता साहू ने लॉकडाउन के दौरान जैसे ही चारागाह के लिए ग्राम पंचायत कलडबरी को राशि 2 लाख 28 हजार प्राप्त हुई उन्होंने खोरबाहरा राम के खेत के मेड़ो को जेसीबी से गिरवा दिया और उन्हें भूखा मरने की स्थिति में ला दिया।
सरपंच निकाल रहा आपसी रंजिश खोरबाहरा निषाद ने प्रतिनिधि को बताया कि यदि सरपंच रंजिश नही निकाल रहा होता तो गांव में और भी सैकड़ों एकड़ शासकीय भूमि है। जबकि शासन को चारागाह के लिए मात्र तीन एकड़ जमीन ही की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि वो इकलौते 70-75 वर्षों से इस जमीन में काबिज नहीं है। अपितु ग्राम के वर्तमान सरपंच पति किशोर बघेल पिता तीजूराम, चैतुराम रावटे पिता धीराजी राम रावटे, चिंताराम गोड़ पिता रैयत गोड़, धनराज साहू पिता गोपाल साहू, रमत साहू पिता रामासाय साहू, मोहन लाल साहू पिता पंचम साहू, श्रवण साहू पिता रमऊ साहू, बंटी चंद्रवंशी पिता हीरालाल, अवध राम साहू पिता शंकरलाल साहू, पार्वती गाड़ा पति स्व. कोमल, पुनाराम साहू पिता मानसिंह साहू, टेमन साहू, पिता माधोसाहू, चेतन साहू पिता मेहतरू राम, मोरध्वज साहू, पिता वामनलाल साहू रमेश साहू आत्मज हेमुलाल साहू आदि के अतिरिक्त भी सैकड़ों ग्रामीण अपनी आजीविका ऐसी ही जमीनों से कर रहे हैं फिर भला मुझे ही खोरबाहरा राम निषाद को क्यूं प्रताडि़त किया जा रहा है।
जवाब था शून्य सरपंच कुसुमलता पति किशोर साहू ने कहा कि मामला 2019 का है तब हम सरपंचनही थे, पेशी भी चालू हो चुकी है, इस आशय की जानकारी भी हमें नहीं थी। हम शासकीय राशि चारागाह के लिए 2 लाख 28 हजार रुपए आया एवं क्षेत्रीय आरआई द्वारा वहीं चिन्हांकित किए जाने पर उनकी जमीन को हमने बेदखल किया है। सरपंच को पूछने पर भी लॉकडाउन की ऐसी स्थिति में ऐसी क्या हड़बड़ी थी, तो उनका जवाब शून्य था।