अब यहां के युवा खुद पढ़ाई करने के साथ ही सुबह-शाम 8 बजे से क्लास लेकर कक्षा पहली से 12वीं तक के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। 2 दिन से क्लास लग रही है, जिसमें बच्चे पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं। बच्चों को पढ़ाना आसान हो, इसके लिए चार्ट, ब्लैकबोर्ड, सुविधाएं उपलब्ध कराई है। गांव में घरों के आंगन व बरामदे में भी कक्षाएं लग रही है।
शिक्षा सारथी बने गांव के युवा शिक्षा सारथी बने गांव के युवा इन बच्चों को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। बीए फाइनल करने वाले केवल दास साहू, 12वीं पास तोमेश्वर साहू, हेमंत सहाड़े, अनिल नेताम, एकलव्य पाल, कुमारी कामता साहू, ज्योति श्रीवास बच्चों की नियमित क्लास ले रहे हैं। केवल दास साहू सहित युवाओं का कहना है कि अब तक खुद पढ़ते रहे, अब पढ़ाने का भी अनुभव मिल रहा है। शासन से मिली किताबें शिक्षकों द्वारा बच्चों को बांटे जा चुके हैं।
क्लास शुरू करने में अभिभावकों ने दी सहमति मोहल्ला-गली में क्लास को शुरू करने ग्रामीणों का भी योगदान रहा। जब शिक्षक ने मोहल्ला क्लास के बारे में ग्रामीणों को समझाइया तो वे बच्चों के शिक्षा की खातिर मोहल्ला क्लास को तैयार हो गए। बच्चों को नियमित पढऩे के लिए भेजने लगे। अभिभावक मोहन मलगामे, गंगा साहू, दशरत निर्मलकर का कहना है कि बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ रही है। समय का सदुपयोग भी हो रहा है।