शहर के डेयरी संचालकों और दूध से संबंधित काम करने वाले प्रतिष्ठानों को सुबह 7 से 12 के बजाय रात 9 बजे तक की छूट दी गई है। इस छूट के पीछे प्रशासन की मंशा है कि ये प्रतिष्ठान दूध की प्रोसेसिंग कर पनीर और अन्य सामग्री बना सकें। देखने में यह आ रहा है कि शहर की कई मिठाई दुकानों में इसकी आड़ में मिठाईयां और नमकीन बेचने का काम किया जा रहा है।
पुरानी मिठाईयां लोगों को बीमार कर सकती है पत्रिका ने शहर की कुछ दुकानों का जायजा लिया। इस दौरान यह देखने मिला कि दूध की आड़ में लॉकडाउन के पहले से बनी मिठाईयों को ग्राहकों को थमाया जा रहा है। लोग ऐसी मिठाईयों को खरीद भी रहे हैं। यही हाल रहा तो ये पुरानी मिठाईयां लोगों को बीमार कर सकती हैं और शहर में नया खतरा पैदा हो सकता है।