ज्ञात हो कि अनेक ग्रामों में ग्रामीणों ने गांव में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है परंतु गांव के भीतर का नजारा सामान्य दिनों के जैसा ही है जबकि क्षेत्र के लगभग सभी ग्रामों में प्रवासी मजदूर व ग्रामीण घरों में लौट गए हैं। इनमें से अधिकतर मजदूरों को होम आइसोलेशन में रखा गया है परंतु ऐसे ग्रामीण नियमों की अवहेलना कर ग्राम में घूम-फिर रहे हैं। जिसका नजारा सोमवार को ग्राम बडग़ांव चारभांठा में देखने मिला, जहां महाराष्ट्र से चार मजदूर तीन दिनों पहले ही पैदल ग्राम में पहुंचे हैं। हालांकि मजदूरों ने डोंगरगढ़ में स्क्रीनिंग किए जाने की बात कही है। वहीं पंचायत व स्वास्थ्य विभाग ने उनके घरों पर सतर्कता के लिए सूचना चस्पा कर दिया है परन्तु ये सभी उपाय बेअसर हैं। इसकी सूचना मिलते ही जनपद सीईओ रविकुमार पुलिस टीम के साथ ग्राम में पहुंचे थे। इस संदर्भ में उन्होंने ग्रामवासियों तथा उक्त सभी मजदूरों से घरों पर रहने की समझाईश दी है। वहीं सरपंच को ध्यान रखने तथा सार्वजनिक स्थलों पर ग्रामवासियों को जमावड़ा करने के लिए मना किया है।
बीते 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के बाद से लागू हुए लॉकडाउन व कफ्र्यू के चलते सार्वजनिक आवागमन की सुविधाएं पूरी तरह बंद हो गई हैं। नतीजा यह है कि प्रवासी व पलायन कर रहे मजदूर व क्षेत्र में रह रहे बाहरी श्रमिक अब पैदल ही घरों की ओर लौटने लगे हैं। बीते चार दिनों में क्षेत्र में लगभग 27 ऐसे मजदूर हैं, जो यहां विभिन्न निर्माण कार्यों व अन्य क्षेत्रों में कार्यरत थे वे अब पैदल ही घर लौट गए हैं। सोमवार को ग्राम बड़भूम में छ: मजदूरों का पैदल जत्था अपने घर दल्ली राजहरा की ओर जाने निकले थे। मजदूरों ने बताया कि वे सेतु निर्माण विभाग के द्वारा बरगांव में घुमरिया नदी पर निर्माणाधीन उच्च स्तरीय पुल के निर्माण कार्य में लगे थे। खाने-पीने व अन्य असुविधा को देखते हुए वे सभी पैदल ही अपने घर के लिए रवाना हो गए हैं। इसी प्रकार बडग़ांव चारभांठा के चार मजदूर तीन दिनों के पैदल सफर के बाद महाराष्ट्र की ओर से रेल्वे टे्रक के रास्ते डोंगरगढ़ और वहां से बडग़ांव चाराांठा पहुंचे। वहीं क्षेत्र के अनेक ईंट भट्टे व अन्य कार्यस्थलों पर बाहरी मजदूरों के रूके होने की खबर है।