वहीं हरनसिंघि गांव के सीमा से लगे गांव नांगतरई, जटकन्हार, जामरी, राका के जाने वाले रास्तों को बंद कर प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। हरनसिंघि का पैतृत्व गांव नांगतरई बुजूर्गो द्वारा फतवा जारी किया गया है कि हरनसिंघि का कोई भी व्यक्ति नांगतरई में दिखाई देने पर 1 हजार रूपए एवं नांगतरई का कोई भी व्यक्ति हरनसिंघि जाने पर 5 हजार रूपए दंड वसूल किए जाने के फतवा जारी करने के बाद हरनसिंघि के ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है। हरनसिंघि के ग्रामीणों ने बताया कि गांव के सीमा से लगे गांव जटकन्हार, मेढ़ा, जामरी की सड़कों को बंद करने से उन्हें उतनी समस्याओ का सामना नहीं करना पड़ रहा है जितना की हरनसिंघि से नांगतरई होते हुए डोंगरगढ़ जाने वाले मुख्य मार्ग को बंद कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि लोगों को दवाई जैसी अन्य आवश्यक सामग्री के लिए नांगतरई से होकर डोंगरगढ़ आना-जाना पड़ता है किन्तु नांगरतई के बड़े बुजुर्ग द्वारा इस तरह के फरमान ने ग्रामीणों को बंधवा बनाकर रख दिया है। वहीं नांगतरई के कुछ कृषको के खेत हरनसिंघि में है और वर्तमान में लोग अपने खेती किसानी कार्य में व्यस्त है किन्तु गांव के इस फरमान से नांगतरई के कृषकों को भी संकट मे डाल दिया है। आज हरनसिंघि के क्वारंटाइन सेंटरों की लापरवाही पूरा गांव भुगत रहा है। पड़ोसी गांवों द्वारा हरनसिंघि के ग्रामीणों के विरोधी फरमान से बचाव के लिए हरनसिंघि के पंचायत प्रतिनिधि चुप्पी साधे बैठे है। ऐसा लगता है कि उन्हें अपने गांव एवं ग्रामीणों की कोई चिंता नहीं है।