नहीं करवा रहे टंकी की सफाई
वहीं कई हैंडपंप भी बिगड़े अवस्था में होने के कारण लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। गांव को पेयजल से निजात दिलाने 6 व 7 वर्ष पहले पीएचई विभाग के द्वारा जल आवधीन योजन के तहत 72000 लीटर क्षमता वाली पानी टंकी का निर्माण कराकर पाईप लाईन विस्तार कर हर वार्ड में पानी पहुंचाने का प्रयास किया किया गया था और इसे ग्राम पंचायत को हैंडओवर कर दिया है पर टंकी की हालत देख कर समझा जा सकता है की इसकी साफ -सफाई वर्षों से नहीं कराई गई है जिसके कारण गंदे पानी से लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।
वहीं कई हैंडपंप भी बिगड़े अवस्था में होने के कारण लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। गांव को पेयजल से निजात दिलाने 6 व 7 वर्ष पहले पीएचई विभाग के द्वारा जल आवधीन योजन के तहत 72000 लीटर क्षमता वाली पानी टंकी का निर्माण कराकर पाईप लाईन विस्तार कर हर वार्ड में पानी पहुंचाने का प्रयास किया किया गया था और इसे ग्राम पंचायत को हैंडओवर कर दिया है पर टंकी की हालत देख कर समझा जा सकता है की इसकी साफ -सफाई वर्षों से नहीं कराई गई है जिसके कारण गंदे पानी से लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।
एक और टंकी की मांग
लगभग 300 नल कनेक्शन होने से एवं कुछ सार्वजनिक नल कनेक्शन होने एवं जगह-जगह पाईप लाईन में सिपेज होने की वजह से जलागार लोगों की प्यास बुझाने में अक्षम साबित हो रहा है। वहीं पूरी टंकी को भरने के लिए ट्यूबवेल की दुरी लगभग 200 मीटर होने की कारण 6 व 8 घंटे का समय लगता है। वहीं टंकी खाली होने 1 घंटे का समय लगता है। ग्राम की जनसंख्या की दृष्टी से एक और टंकी की आवयकता है। इस समस्या से निजात पाने ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि यहां हमारे गांव में एक भी कुएं का पानी पीने लायक नहीं हैं। कुएं की सफाई कर उसे निस्तारी के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
लगभग 300 नल कनेक्शन होने से एवं कुछ सार्वजनिक नल कनेक्शन होने एवं जगह-जगह पाईप लाईन में सिपेज होने की वजह से जलागार लोगों की प्यास बुझाने में अक्षम साबित हो रहा है। वहीं पूरी टंकी को भरने के लिए ट्यूबवेल की दुरी लगभग 200 मीटर होने की कारण 6 व 8 घंटे का समय लगता है। वहीं टंकी खाली होने 1 घंटे का समय लगता है। ग्राम की जनसंख्या की दृष्टी से एक और टंकी की आवयकता है। इस समस्या से निजात पाने ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि यहां हमारे गांव में एक भी कुएं का पानी पीने लायक नहीं हैं। कुएं की सफाई कर उसे निस्तारी के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।