बैराज में पानी का दबाव बढऩे के बाद सकते में आए सिंचाई विभाग ने बैराज के गेट खोल दिए। इस दौरान तेज बहाव में 70 टन का गेट क्रं दो क्षतिग्रस्त हो गया। शहर सहित सटे इलाकों में आमनेर में तेज बहाव और पानी छोड़े जाने की मुनादी कराई गई। हालांकि विभाग के अधिकारियों ने देररात सूचना जारी कर ताकिद कर दी कि गेट के क्षतिग्रस्त होने से कोई परेशानी नहीं है। केवल रात में पानी बढऩे के अंदेशे के चलते अलर्ट जारी किया गया है।
रविवार को मरम्मत
टूटे गेट के सामने लॉक बनाने काम रविवार को शुरू किया गया, ताकि समय पर निर्माण पूरा कर बैराज मेंं फिर से पानी स्टोरेज किया जा सके। इसके बाद बाकी के गेट भी बंद कर दिए गए। इस दौरान गातापार जंगल इलाके के साथ साथ पाड़ादाह, चांदगढ़ी, खम्हारडीह सहित नगर पालिका क्षेत्र में आने वाले प्रभावित इलाकोंं में प्रशासन डटा रहा।
14 गांव के किसानों को पानी देने वाले प्रधानपाठ बैराज में टूटे गेट की मरम्मत फिलहाल नहीं हो पाएगी। बैराज का जल ग्रहण क्षेत्र 42.62 वर्ग मील व जल भंडारण क्षमता 3.4484 मि.क्यू.मी.है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल गेट की मरम्मत में ज्यादा समय लगने के कारण वहां लाक लगाने की तैयारी है। 70 टन वजनी गेट की मरम्मत के लिए विभाग के उच्च कार्यालय से तकनीकी टीम आएगी इसमें समय लगेगा।
एसडीओ जल संसाधन विभाग युगल किशोर शर्मा ने बताया कि प्रधानपाठ बैराज के कैचमेंट एरिया में बारिश का पानी आने के कारण बैराज के गेट खोलते समय एक गेट क्षतिग्रस्त हो गया था। रविवार को क्षतिग्रस्त गेट की मरम्मत कराई गई है। एसडीएम सीपी बघेल ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों सहित विभाग की टीम जुटी हुई है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने प्रशासन अलर्ट है।