
World Brain Tumour Day: आज विश्व ब्रेन ट्यूमर डे है। यह ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिसका डायग्नोस्टिक करने में थोड़ी देर हो जाती है। समय पर सही इलाज नहीं मिला तो मरीज कोमा में जा सकता है या मौत भी हो सकती है। दिमाग (ब्रेन) में होने वाले कैंसर को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। वर्तमान समय में इसका आसानी से इलाज भी संभव है। यह मुख्यत: जेनेटिक बीमारी है।
World Brain Tumour Day: राजनांदगांव में लगभग 10 साल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल का संचालन हो रहा है, लेकिन अब तक यहां न्यूरो सर्जन व न्यूरोलॉजिस्ट पदस्थ नहीं किए जा सके हैं। यही कारण है कि यहां आने वाले ऐसे मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। इसके चलते उन मरीजों को भिलाई-रायपुर जाकर इलाज कराना पड़ता है या फिर यहां निजी अस्पताल में अपना इलाज कराते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है।
न्यूरो स्पेशलिस्ट डॉक्टर घनश्याम सासापारधी ने बताया कि ब्रेन टॺूमर के अलग-अलग चार स्टेज होते हैं। पहला दूसरा नॉर्मल होता है, वहीं तीसरा और चौथा स्टेज खतरनाक साबित हो सकता है। समय पर डायग्नोस्ट कर इसके इलाज से मरीज को आसानी से बचाया जा सकता है। ( World Brain Tumour Day ) इसकी जांच में 10 से 50 हजार तक खर्च आती है। वहीं ऑपरेशन में 2 से 5 लाख रुपए तक खर्च आता है। आयुष्मान कार्ड में इस बीमारी का पैकेज उपलब्ध है। सिटी स्कैन और एमआरआई में इसकी पहचान हो जाती है। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। इलाज के बाद व्यक्ति पूर्णत: स्वस्थ्य हो सकता है।
न्यूरो सर्जन डॉक्टर विवेक शर्मा ने बताया कि सामान्य रूप से ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार का होता है, पहला कैंसर युक्त और दूसरा कैंसर रहित। कुछ ब्रेन ट्यूमर बहुत धीरे-धीरे बढ़ते हैं, तो कुछ ट्यूमर का विकास बहुत तेजी से होता है। ब्रेन में जब ट्यूमर अधिक विकसित हो जाता है तो ब्रेन के अंदर दबाव बढ़ने लगता है। ( World Brain Tumour Day ) ऐसे में आपके ब्रेन को नुकसान पहुंच सकता है और स्थिति गंभीर हो सकती है। मरीज कोमा में जा सकता है। लकवाग्रस्त हो सकता है। याददाश्त जाने और आंखों की रोशनी कम होने की भी शिकायत आती है। इसके प्रमुख लक्षण सिर दर्द के साथ उल्टी होना है। यह बीमारी जेनेटिक, वातावरण और रेडिएशन के कारण हो सकती है।
Updated on:
09 Jun 2024 07:23 am
Published on:
08 Jun 2024 05:57 pm
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