नहीं मिलता पर्याप्त भोजन…
गांव-ढाणियों में निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाने वाले डॉ. विजय कुमार खिलनानी बताते हैं कि गांव-ढाणियों में महिलाओं की स्थिति काफी बदतर है। शिविर में ऐसी बहुत महिलाएं आती है जिनके घर में खाने को नहीं होता है, बच्चों से लेकर महिलाएं तक कुपोषित है, बच्चों का पेट पालने के लिए कई बार वह भूखी सो जाती है। गर्भ के दौरान प्रोटीन तो दूर उन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता।
स्वस्थ्य महिला के शरीर में १२ से १५ ग्राम हिमोग्लोबिन (प्रति एक सौ ग्राम मिलीलीटर रक्त) होना चाहिए। उपचार के दौरान जो महिलाएं आती हैं, उनमें 80 से 85 फीसदी महिलाओं में 11.5 ग्राम से कम हिमोग्लोबिन मिलता है। साथ ही प्रोटीन की मात्रा बहुत कम रहती है। गर्भावस्था में महिलाओं को पर्याप्त पोषकतत्व नहीं मिलते, बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतराल नहीं होने से शरीर में रक्त की कमी लगातार बढ़ती जाती है, जिससे महिलाओं का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है।
डॉ. प्रदीप सोनी, महिला रोग विशेषज्ञ, राजकीय आरके चिकित्सालय