रीते पड़े हैं जिले के आधे से ज्यादा जलाशय
जिले के एक दर्जन से ज्यादा जलाशय अभी खाली हैं। जिनमें पानी है वह पेयजल के काम आ रहा है, जिससे उनका जलस्तर भी अभी बढऩे की जगह घट रहा है।
छलक कर बंद हुआ बाघेरी
जुलाई के अंतिम दिनों में नाथद्वारा क्षेत्र में बारिश होने से बाघेरी का नाका पर चारद चली, लेकिन बाद में बारिश नहीं होने से चादर चार दिन बाद ही बंद हो गई, जिससे लोगों को खासा निराश होना पड़ा, क्योंकि बाघेरी जिले सहित उदयपुर के लोगों के लिए मुख्य पिकनिक स्पॉट है।
इनमें नहीं है पानी
जिले के छोटे-बड़े एक दर्जन से अधिक जलाशय रीते हुए हैं। इनमें रेलमगरा का भराई बांध, कुंडेली, भोपाल सागर, लालपुर, खंडेल, नीमझर, देहरिया, सांसेरा, मनोहर सागर जैसे जलाशयों में पानी नहीं है।
रबी पर जल संकट
राजसमंद के सिंचित क्षेत्र में पर्याप्त पानी की कमी से गेंहू, चना, जौ, सरसों की फसलें प्रभावित होंगी, इसीतरह गोमती, बनास, खारी फीडर, चंद्रभागा नदी में पानी नहीं आने से इसके सिंचित क्षेत्रों पर भी रबी की फसलों पर जल संकट रहेगा।
गतवर्ष हुई थी औसत से ज्यादा बारिश
जिले में पिछले दस वर्षों में ६७७ मिमी औसत वर्षा हुई है। जबकि इसबार अभीतक महज ४६८.७१ मिमी पानी गिरा है, जबकि गतवर्ष औसत से ९० मिमी ज्यादा बारिश होकर ७८२ मिमी पानी गिरा था। जबकि गत वर्ष की तुलना में इसबार मानसून पहले आया लेकिन बारिश की बेरूखी ने लोगों को निराश किया है। जिले के कुछ हिस्सों को छोडक़र अभीतक तेज बारिश नहीं हुई। राजसमंद को भरने में मुख्य भूमिका निभाने वाली गोमती नदी, खारी फीडर में भी पानी नहीं चला है, जिससे इसके सिंचित क्षेत्रों व राजसमंद झील में पानी की खासी कमी है।
जिले में सामान्य बारिश के हिसाब से प्रस्ताव बनाए गए हैं, लेकिन मौसम की बेरुखी बनी रही और बारिश औसत से कम हुई तो 20 से 30 फीसदी तक बुवाई प्रभावित होगी। अभी भी एक पखवाड़ा है, अगर अच्छी बारिश हो गई तो प्रस्ताव के हिसाब से बुवाई हो सकती है।
रविंद्र कुमार वर्मा, उपनिदेशक, कृषि विस्तार, राजसमंद