अभी न तो पूरी तरह मार्बल की खानें शुरू हो पाई है और न ही बाजार से कोई डिमांड आ रही है। दक्षिण की मुख्य मार्बल मंडियां बंद पड़ी है। कारीगर अपने घरों से लौटे नहीं है। केन्द्र सरकार ने भी हाल ही में जो राहत के पिटारे खोले हैं, उनके मार्बल व्यवसाय को कोई फायदा होने वाला नहीं दिख रहा। कुछ मिलाकर व्यवसाय फिलहाल शुरू करने के हालात नहीं दिख रहे। अभी कुछ वक्त लगेगा। हां, यदि सरकार टेक्सटाइल व्यवसाय को दी गई टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड (टफ) जैसी कोई योजना मार्बल व्यवसाय के लिए लाए तो कुछ राहत मिल सकती है। इस व्यवसाय को ऑक्सीजन देने के लिए राज्य व केन्द्र सरकार को पैकेज तो जारी करने ही चाहिए। सरकार को जीएसटी कम करने पर भी विचार करना चाहिए।
– रवि शर्मा, अध्यक्ष- मार्बल गैंगसा एसोसिएशन, राजसमंद