scriptथैलियों में उगाई फसल, लाखों का मुनाफा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मिल रही सफलता | agro news | Patrika News
राजसमंद

थैलियों में उगाई फसल, लाखों का मुनाफा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मिल रही सफलता

राजसमंद से अश्वनी प्रतापसिंह की रिपोर्ट
लापस्या गांव के किसान का नवाचारलवणीय होने से मिट्टी थी खराबपॉलीथीन में बेहतर मिट्टी से फसलें लीइस बार पॉलीथीन शीट पर डाली मिट्टी

राजसमंदJul 19, 2018 / 06:05 pm

laxman singh

rajsamand news

थैलियों में उगाई फसल, लाखों का मुनाफा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मिल रही सफलता

अक्सर इंसान चुनौतियों से डरकर हार मान लेते हैं, लेकिन सफल वही होते हैं जो हर बाधा का तोड़ निकाल लेते हैं। मजबूत मनोबल का कुछ ऐसा ही परिचय दिया है, राजसमंद के लापस्या गांव के किसान छीतरमल जाट ने। उसने अपने खेत पर ग्रीन हाउस लगाया, लेकिन मिट्टी खराब होने की वजह से उपज नहीं ले पाए। किसान ने इस बाधा का तोड़ निकाला और उपजाऊ मिट्टी से भरी प्लास्टिक की थैलियों में ही लाखों की फसल तैयार कर ली। आज वे स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं।
किसान छीतरमल ने जिले की रेलमगरा पंचायत समिति के लापस्या गांव में वर्ष २०१४-१५ में १००८ वर्गमीटर भूमि पर ग्रीन हाउस लगाया। इसमें करीब २.८५ लाख रुपए की लागत आई। किसान बताते हैं कि इस ग्रीन हाउस में उन्होंने खीरा फसल ली, लेकिन मिट्टी के खराब होने के कारण उपज नहीं मिल सकी। काफी खर्च और उपाय करने के बाद वे फसल लेने में असमर्थ हो गए तो उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन लिया, जिसमें भूमि के लवणीय होने की आशंका जताई गई। मृदा जांच कराई तो भूमि में लवण की मात्रा २.५७ ईसी (इलेक्ट्रिकल कंडक्टीविटी) आई। ऐसे में उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की सलाह पर उपयुक्त मिट्टी भरे पॉलीथिन बैग्स के जरिए ग्रीनहाउस में खेती करने का निर्णय लिया।
किसान ने १००८ वर्ग मीटर के ग्रीन हाउस में २६०० थैलियां पंक्तियों में लगाईं। बाहर से लाई गई उपयुक्त मिट्टी और वर्मीकुलाइट को निश्चित अनुपात में इन थैलियों में भरा। एक-एक थैली पर पौधे लगाकर 110 दिन में 9.5 टन खीरे की उपज ली, जिससे उन्हें 2.25 लाख रुपए की आमदनी हुई। किसान बताते हैं कि उन्होंने साल में तीन फसलों के हिसाब से करीब ७.५० लाख रुपए की पैदावार की। अब मिट्टी समस्या से परेशान अन्य किसान भी उनका अनुसरण कर रहे हैं।
किसान ने १००८ वर्ग मीटर के ग्रीन हाउस में २६०० थैलियां पंक्तियों में लगाईं। बाहर से लाई गई उपयुक्त मिट्टी और वर्मीकुलाइट को निश्चित अनुपात में इन थैलियों में भरा। एक-एक थैली पर पौधे लगाकर 110 दिन में 9.5 टन खीरे की उपज ली, जिससे उन्हें 2.25 लाख रुपए की आमदनी हुई। किसान बताते हैं कि उन्होंने साल में तीन फसलों के हिसाब से करीब ७.५० लाख रुपए की पैदावार की। अब मिट्टी समस्या से परेशान अन्य किसान भी उनका अनुसरण कर रहे हैं।
अब नए नवाचार की तैयारी
इस बार किसान एक और नवाचार करने जा रहा है। इस बार वे ग्रीनहाउस में तुरई की पैदावार ले रहे हैं। ग्रीन हाउस में पौध उपजाने के लिए उन्होंने इस बार जमीन पर प्लास्टिक शीट बिछाई है, जिस पर मिट्टी डालकर वे फसल ले रहे हैं। किसान को अभी तक के प्रयासों में सफलता भी मिली है।

Home / Rajsamand / थैलियों में उगाई फसल, लाखों का मुनाफा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मिल रही सफलता

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो