वोट के लिए शराब से खराब नहीं होंगी मगरा क्षेत्र भीम व देवगढ़ की पंचायतें!
शराब मुक्त पंचायतों के साथ पूरे मगरा क्षेत्र में महिलाएं बना रही रणनीतिराजनीतिक पार्टियां भी फूंक-फूंक कर उठा रही कदम
वोट के लिए शराब से खराब नहीं होंगी मगरा क्षेत्र भीम व देवगढ़ की पंचायतें!
प्रमोद भटनागर/ मोहित माहेश्वरी राजसमंद/देवगढ़. जिले की शराब मुक्त पंचायतों के साथ ही पूरे मगरा क्षेत्र को चुनावों में शराब मुक्त बनाने को लेकर अभी से ग्रामीण और खासतौर पर महिलाएं मोर्चा संभालने लगी है। दूसरी तरफ इस स्थिति को भांपते हुए राजनीतिक दल एवं क्षेत्र से दावेदारी जताने वाले अधिकतर प्रत्याशी भी इस मामले में काफी सतर्कता बरत रहे हैं।
बीते वर्षांे में मगरा क्षेत्र में महिलाओं ने शराब के खिलाफ बिगुल बजाया, जिसके चलते पहले वर्ष 2016 में क्षेत्र की काछबली पंचायत और बाद में 2017 में मंडावर पंचायत को आबकारी नियमों के तहत मतदान कराते हुए शराब मुक्त घोषित किया गया। इसके तहत इन दोनों ही पंचायतों में विभाग द्वारा ठेके नहीं दिए गए। इनके साथ ही क्षेत्र की बरार और पीपलीनगर पंचायतों में भी अभियान चले पर मतदान नहीं हो पाया था। इसके चलते पूरे मगरा क्षेत्र में ही शराब को लेकर लोगों में नकारात्मक माहौल व्याप्त हो गया। इसको लेकर जब विधानसभा क्षेत्र के जन का मन टटोलने भीम विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे तो यहां लोगों से बातचीत के दौरान इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई। इस पर न सिर्फ महिलाओं ने, बल्कि यहां की युवा पीढ़ी ने भी शराब के खिलाफ खुलकर बेबाकी से राय व्यक्त की। वीरम गुड़ा की देवकी बाई और नारायण सिंह ने कहा कि पूर्व में यहां ठेका था, लेकिन महिलाओं के विरोध के कारण गांव से ठेका हटा दिया गया। इन्होंने कहा कि पूर्व के समय में चुनावों के दौरान प्रत्याशियों द्वारा शराब बांटकर मतदाताओं को लुभाने के प्रयास किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्हें ऐसा नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए गांव के युवा टोली बनाकर उन्हें ऐसा करने से रोकेंगे। इसी तरह बरार में खुमाणी बाई ने भी कहा कि गांव की महिलाएं चुनाव में शराब को रोकने के लिए अभी से लामबंद हो रही है।
कत्ल की रात के लिए तैयारी
शराब मुक्त पंचायतों के साथ ही मगरा क्षेत्र के जन-जन में शराब को लेकर आक्रोश दिखाई दिया। ग्रामीणो का कहना था कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाले राजनीतिक दल और प्रत्याशी भी चुनाव के समय शराब से परहेज नहीं करते और चोरी-छीपे मतदान से एक दिन पूर्व रात में शराब बंटवाते हैं, जिसे कत्ल की रात भी कहा जाता है। लेकिन, इस बार उन्होंने इसको लेकर अभी से रणनीति बनाना शुरू कर दिया है और इस बार वे मगरा क्षेत्र में किसी को भी शराब का सहारा नहीं लेने देंगे।
संगठन रखेगा निगरानी
हमारा शराबबंदी संगठन मगरा क्षेत्र की सभी विधानसभाओं में निगरानी रखेगा। शराब बांटने वाले का खुलासा कर प्रत्याशी के खिलाफ वोटिंग करने की अपील की जाएगी।
सरपंच, ग्राम पंचायत, मंडावर
महिला टीम रहेगी सक्रिय
गांव की महिला टीम सक्रिय रहेगी। शराबबंदी में हम महिलाओं ने जो कार्य किया है वो अब विधानसभा चुनावों में करेंगे। जो भी शराब बांटता पाया जाएगा उसके खिलाफ मतदान किया जाएगा ।
लाली देवी, गृहिणी देवगढ़
महिलाएं ही करेंगी कार्रवाई
चुनाव में शराब बांटना एक प्रथा बन चुकी है। इस प्रथा को मगरा से दूर रखेंगे, जो भी प्रत्याशी शराब बांटेगा उसके खिलाफ मगरे की महिलाएं कार्रवाई करेंगी।
गीता देवी, काछबली सरपंच
महिलाएं नहीं देंगी वोट
प्रत्याशियों द्वारा वोट पाने के लिए शराब बांटी जाती है। लेकिन, इस बार जो भी प्रत्याशी शराब बांटेगा उसे कम से कम महिलाएं वोट नही देगी। इसको लेकर महिलाएं खुफिया नजर रखेंगी।
केसर देवी, बरजाल
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