बजरी के बढ़ गए दाम
राजसमंद में बजरी का वैध रूप से खनन बंद होने से इसके दामों में २० फीसदी तक बढ़ात्तरी देखने को मिली। लोगों ने बताया कि जहां एक ट्रॉली रेती 1200 से 1500 के मध्य मिलती थी वहीं अब इसका रेट 1400 से 1800 रुपए प्रति ट्रॉली हो गया है।
यह है खनन क्षेत्र
जिले में बजरी खनन का प्रमुख क्षेत्र बनास व खारी नदी के तटीय इलाके हैं। नाथद्वारा क्षेत्र के नैनपुरिया, नमाना, कुमारिया खेड़ा, सांगा का खेड़ा, बिजनोल, कियावास, कुचोली, उठारड़ा, उलपुरा, खुमानपुरा, बांसड़ा, कल्लाखेड़ी, खमनोर, सेमा धांयला, मोही, पीपली आचार्यान आदि क्षेत्रों में बजरी खनन होता है।
जिले में बजरी खनन का प्रमुख क्षेत्र बनास व खारी नदी के तटीय इलाके हैं। नाथद्वारा क्षेत्र के नैनपुरिया, नमाना, कुमारिया खेड़ा, सांगा का खेड़ा, बिजनोल, कियावास, कुचोली, उठारड़ा, उलपुरा, खुमानपुरा, बांसड़ा, कल्लाखेड़ी, खमनोर, सेमा धांयला, मोही, पीपली आचार्यान आदि क्षेत्रों में बजरी खनन होता है।
सरकारी काम अटके
इधर खनन बंद होने से निजी काम तो शनिवार को जारी दिखे वहीं कई सरकारी काम प्रभावित रहे। निजी भूखंडों पर निर्माण करा रहे लोगों ने बढ़े दाम की बजरी खरीदकर काम जारी रखा। वहीं निकाय क्षेत्रों, सरकारी भवनों व गौरवपथ के कई काम प्रभावित हुए।
इधर खनन बंद होने से निजी काम तो शनिवार को जारी दिखे वहीं कई सरकारी काम प्रभावित रहे। निजी भूखंडों पर निर्माण करा रहे लोगों ने बढ़े दाम की बजरी खरीदकर काम जारी रखा। वहीं निकाय क्षेत्रों, सरकारी भवनों व गौरवपथ के कई काम प्रभावित हुए।
स्टाक करने वालों की चांदी
बजरी के दाम बढऩे का सबसे बड़ा फायदा स्टाक करने वाले विके्रताओं का हुआ है। खनन बंद होने पर उन्होंने जमा बजरी महंगेदामों में बेची। गौरतबल है कि कई विक्रेता अपने खेतों तथा दुकानों पर बजरी का बड़ा स्टाक रखते हैं।
बजरी के दाम बढऩे का सबसे बड़ा फायदा स्टाक करने वाले विके्रताओं का हुआ है। खनन बंद होने पर उन्होंने जमा बजरी महंगेदामों में बेची। गौरतबल है कि कई विक्रेता अपने खेतों तथा दुकानों पर बजरी का बड़ा स्टाक रखते हैं।