Video : पेन्सिल टिप आर्ट में बनाई भावेश ने अपनी पहचान
Video : पेन्सिल टिप आर्ट में बनाई भावेश ने अपनी पहचान
राकेश गांधी
राजसमंद. कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान हर इंसान घरों में कैद हो कर रह गया है। पर कुछ युवा ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस लॉकडाउन के दौरान अपनी क्रिएटिविटी को बनाए रखा और कुछ न कुछ नया करते हुए समय का बेहतर ढंग से उपयोग किया है। भावेश चौहान भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई से इतर अपनी पेन्सिल टिप आर्ट की प्रतिभा को इस लॉकडाउन के दौरान और निखारा।
भीलवाड़ा में टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में बी-टेक कर रहे भावेश लॉकडाउन से पूर्व ही कांकरोली आ गए, तब से घर में बने हुए हैं। एक बार भी बाहर नहीं आए। पेशे से अध्यापक माता भागवंती-पिता नरेन्द्र चौहान की इस संतान में आर्ट तो जैसे कूट-कूट कर भरी है। उनकी माता भागवंती कहती हैं, इसे कहीं भी साथ ले जाओ, ये कुछ न कुछ बनाता रहता है। कभी समय व्यर्थ नहीं गंवाता। भावेश की बहन गरिमा डॉक्टर हैं और अभी पीजी में चयनित हुई हैं। उसके पिता नरेन्द्र चौहान कहते हैं, ‘पहले तो मुझे गुस्सा आता था कि क्यों ये अपना समय खराब करता रहता है। पर अब उसके हुनर देखकर गर्व होता है। वाकई मेरा बेटा लाजवाब है।’
भावेश वैसे तो कई तरह की आर्ट में पारंगत है, पर इस समय वह पेन्सिल टिप आर्ट में अपने हुनर को तराश रहा है। पेन्सिल की नोक पर कलाकारी करना वाकई बहुत ही कठिन कार्य है। भावेश ये काम पिछले दो साल से कर रहा है। धीरे-धीरे इस कला में उसके हाथ काफी सध गए हैं। हालांकि उसे बनाते हुए देखना वाकई सुखद लगा। उसने इस लॉकडाउन के दौरान गणेश, मां-बेटा, भारत का मानचित्र, 1-के, स्टूल हैड, कुर्सी, शिवलिंग, अपने दोस्तों के नाम जैसी कई कलाकृतियां बनाई है। पेन्सिल की नोक पर बनी और मात्र 2 से 4 एमएम साइज की ये कलाकृति इतनी नाजुक हैं कि तेज हवा से भी टूट जाती है, जबकि इस कलाकृति को बनाने में 6 से 8 घंटे लग जाते हैं। इसे देखने के लिए आवर्धक या विशालक लैंस (मेग्नीफाइंग ग्लास) का उपयोग करना पड़ता है। भावेश ने केवल ये ही नहीं, अपने माता-पिता की शादी की वर्षगांठ पर ऐसा नायाब तौहफा दिया, जिसे वे आज भी नहीं भूल पाए हैं। भावेश ने 4300 कीलों से अपने माता-पिता की आकृति उभार दी। इसके अलावा वे अपनी कॉलेज में भी स्प्रे पेन्टिंग आदि के लिए जाने जाते हैं। उसकी तमन्ना है वो इस कला को अपने नए प्रयोगों के जरिए काफी आगे ले जाए।