– महिलाएं सर्वोपरि हैं
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि महिलाओं को पुरुषों के साथ समान लाने की बात मत कहो। महिलाएं तो हमारी पालनकर्ता हैं। संवेदनशीलता की प्रतिमूर्ति हैं। महिला शक्ति आदिशक्ति हैं। वे तो सर्वोपरि हैं। वे सृजनकर्ता हैं। उन्होंने समय-समय पर अपनी विद्वता व कर्मशीलता दिखाई है। इस पीठ में महिला महाविद्यालय भी बनने जा रहा है। नाथद्वारा पवित्र तीर्थधरा है। वैष्णव परम्परा में प्रभु श्रीनाथजी यहीं बिराजते हैं, यहीं खूंटा गड़ा था। वह यहीं विद्यामान हैं। यह एकलिंगनाथ की भी भूमि है। मेवाड़ भक्ति, शक्ति और शौर्य की भूमि है। राज्यपाल बोले, मैं अपनेआप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे बार-बार मेवाड़ की धरती पर आने का अवसर मिलता है।
– पीठ सीखाएगी शिक्षा, व्यवहार और संस्कार
राज्यपाल ने कहा कि श्रीनाथजी पीठ ज्ञान, शिक्षा और व्यवहार-संस्कार को सिखाएगी। यहां बालिकाओं के लिए भी शिक्षण की विशेष सुविधाएं विकसित हों। भारतीय अध्यात्म, संस्कृति और धर्म की शिक्षा मिले। शिक्षा के अकादमिक विकास के साथ-साथ स्थानीय कलाओं, पिछवई, मोलेला की टेराकोटा आर्ट और उत्पादों का म्यूजियम भी बनेगा, यह सुखद है।
– शिलापूजन और पट्टिका अनावरण
इससे पूर्व यहां पहुंचने पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी व अन्य विशिष्ट लोगों ने उनका स्वागत किया। राज्यपाल ने सुबह 11:55 बजे पंडित कीर्तिश भट्ट के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन किया। फिर शिलान्यास पट्टिका का अनावरण कर समारोह में पहुंचे।