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राजसमंद

उसे क्या पता था, परिवार के साथ वह आखिरी डिनर होगा

क्षत-विक्षत शव फ्लाइट से ले जाने की नहीं मिली अनुमति, एम्बुलेंस में रवाना किए ताबूत, कितेला हादसे में चारों कारोबारियों की मौत से धोइन्दा-बडारड़ा में पसरा मातम

राजसमंदFeb 05, 2019 / 01:32 pm

jitendra paliwal

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उसे क्या पता था, परिवार के साथ वह आखिरी डिनर होगा

राजसमंद. अपनों और परायों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने वाले बडारड़ा के मार्बल व्यवसायी रमेश कुमावत ने पिछले दिनों बीते अपने जन्मदिन का डिनर शनिवार रात को जयपुर रवाना होने से पहले परिवार के साथ किया था। पूरे परिवार ने हाइवे स्थित एक रेस्टोरेंट में साथ बैठकर खाना खाया। उसके बाद रमेश और उनके तीनों कारोबारी मित्र एक ही गाड़ी से जयपुर रवाना हुए। बडारड़ा के लोगों ने बताया कि रमेश खुशमिजाज, मददगार और मृदुभाषी युवा था, जो हर पल परिचितों और अनजान लोगों की सहायता के लिए तत्पर रहता था। उसकी शादी 2003 में हुई थी, लेकिन बड़ी मन्नतों के बाद उसके परिवार में बेटी आई। विधि अब ढाई साल की है। ज्योंही हादसे की सूचना यहां पहुंची, धोइन्दा और बडारड़ा में मृतकों के परिवार ही नहीं, पूरे गांव में मातम पसर गया। सुरेश पिल्लई राजसमंद में ही मार्बल खदानों में काम आने वाली मशीनों के निर्माण से जुड़े थे। मृतक विनयशेखर अरब देश में काम करते थे। वह दो माह पूर्व ही राजसमंद आए तथा हाल ही में मार्बल कारोबार से जुड़े थे। तीनों का आपस में निजी और कारोबारी रिश्ता था। अनिल जेके टायर फैक्ट्री में काम करते थे। रमेश के अलावा तीनों मृतक मूलत: केरल के निवासी थे, जो पिछले 25 साल से राजसमंद में ही रह रहे थे। इनका परिवार भी यहीं निवास करता है। जयपुर स्टोन मार्ट में मार्बल उद्योग से जुड़ी नई तकनीकी और अन्य जानकारी लेने एकसाथ ही गए थे। सोमवार को रमेश के अंतिम संस्कार में मार्बल उद्योग से जुड़े सैकड़ों लोग शामिल हुए। बाकी तीनों मृतकों के शव लेकर परिजन केरल के लिए रवाना हुए।

पीछे आ रहे साथी कारोबारी ने देखा तो पहचाना
रमेश और उनके साथी कारोबारी के परिचित उदयपुर के मार्बल व्यवसायी जगदीश गïट्टानी भी जयपुर से आ रहे थे। हादसे के करीब दस मिनट बाद ही जब वह घटनास्थल से गुजर रहे थे तो राजसमंद पासिंग कार दुर्घटनाग्रस्त देखकर ठहर गए। कार में पीछे की सीट पर दो लोगों में थोड़ी हलचल थी, जबकि आगे की सीट पर बैठे दो लोग बुरी तरह फंसे हुए थे। जगदीश ने रमेश को पहचान लिया। उसकी जेब टटोलने से आधार कार्ड मिला, जिससे तस्दीक करते ही उन्होंने रमेश के परिजनों को फोन कर हादसे की सूचना दी। इत्तला पर चारभुजा थाने का जाब्ता भी आ पहुंचा। हाइवे की दो एम्बुलेंस से चारों को जिला अस्पताल पहुंचाया। रास्ते में चारों का दम टूट चुका था।
तीन शवों का अंतिम संस्कार होगा कल
चारों शवों का सोमवार सुबह पोस्टमार्टम हुआ। सुरेश पिल्लई व अनिल कुमार केरल के अलपूझा जिले के निवासी हैं, जबकि बिनूशेखर कोल्लम जिले के निवासी हैं। तीनों शव काफी क्षत-विक्षत हो जाने से हवाई मार्ग से ले जाने की अनुमति नहीं मिली। ऐसे में तीन ताबूत तैयार करवाकर एक ही एम्बुलेंस से केरल के लिए शव रवाना किए। एम्बुलेंस पहुंचने में करीब 40 घण्टे लगेंगे तथा अंतिम संस्कार बुधवार को होगा। इधर, यहां से सभी परिजन राजसमंद से अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। वहां से फ्लाइट से केरल जाएंगे। मंगलवार दोपहर तीन बजे सभी केरल पहुंचेंगे।
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