देवगढ़-आमेट से कांकरोली तक अप-डाउन
मावली-मारवाड़ मार्ग पर पूर्व में संचालित रेलों से दर्जनों की संख्या में आमेट-देवगढ़ सहित इन दोनों स्थानों के ग्रामीण क्षेत्रों के यात्री नौकरी या काम के लिए अप-डाउन करते थे। ये लोग सुबह के समय आमेट या देवगढ़ से ट्रेन में सवार होते और काम पर चले जाते और इसी तरह शाम के समय वहां से आने वाली रेल से वापसी करते थे। लेकिन, वर्तमान में ये दोनों ट्रेनें बंद हो चुकी है। इन यात्रियों में कई तो कांकरोली से नाथद्वारा के बीच बसों से आवागमन करते थे।
मावली-मारवाड़ मार्ग पर पूर्व में संचालित रेलों से दर्जनों की संख्या में आमेट-देवगढ़ सहित इन दोनों स्थानों के ग्रामीण क्षेत्रों के यात्री नौकरी या काम के लिए अप-डाउन करते थे। ये लोग सुबह के समय आमेट या देवगढ़ से ट्रेन में सवार होते और काम पर चले जाते और इसी तरह शाम के समय वहां से आने वाली रेल से वापसी करते थे। लेकिन, वर्तमान में ये दोनों ट्रेनें बंद हो चुकी है। इन यात्रियों में कई तो कांकरोली से नाथद्वारा के बीच बसों से आवागमन करते थे।
न सुरक्षा न टिकट जांच
पत्रिका प्रतिनिधि द्वारा मावली से मारवाड़ व पुन: मारवाड़ से मावली तक यात्रा की इस दौरान रेल में न तो कोई सुरक्षा कर्मी था और न ही कोई टिकट जांच करने वाला था। वहीं, यात्रियों ने भी बताया कि वे बरसों से इस रेल में यात्रा कर रहे हैं, लेकिन इस रेल में कभी भी कोई पुलिस कर्मी या टिकट चैकर नहीं देखा। उन्होंने बताया कि ऐसे में कई यात्री बिना टिकट ही यात्रा करते हैं। बताया कि वे मंथली पास पर यात्रा करते हैं, लेकिन टीटी आदि के नहीं आने से कई बार लापरवाही बरतते हुए पास की अवधि पूरे होने के बाद भी दो-चार दिन तक नया पास नहीं बनवाते। इस
पत्रिका प्रतिनिधि द्वारा मावली से मारवाड़ व पुन: मारवाड़ से मावली तक यात्रा की इस दौरान रेल में न तो कोई सुरक्षा कर्मी था और न ही कोई टिकट जांच करने वाला था। वहीं, यात्रियों ने भी बताया कि वे बरसों से इस रेल में यात्रा कर रहे हैं, लेकिन इस रेल में कभी भी कोई पुलिस कर्मी या टिकट चैकर नहीं देखा। उन्होंने बताया कि ऐसे में कई यात्री बिना टिकट ही यात्रा करते हैं। बताया कि वे मंथली पास पर यात्रा करते हैं, लेकिन टीटी आदि के नहीं आने से कई बार लापरवाही बरतते हुए पास की अवधि पूरे होने के बाद भी दो-चार दिन तक नया पास नहीं बनवाते। इस
मध्यम वर्ग की रेल
पत्रिका टीम को रेल में सफर के दौरान ज्यादातर जरुरतमंद और मध्यम वर्ग के लोग ही मिले। यात्रियों ने बताया कि यह रेल मध्यम परिवार के लोगों के लिए आवागमन का सबसे उपयुक्त साधन हैं। इसमें कम किराए के कारण इस वर्ग के लिए यह रेल यात्रा बजट में आती है। लेकिन, दो रेलों का संचालन बंद होने से अब उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान कई विदेशी पर्यटकों को भी ट्रेन में यात्रा करते हुए देखा गया। मारवाड की तक के एक यात्री ने बताया कि अगर इस टे्रन में नियमित रूप से टिकट कि चेकिंग की जाए तो रेलवे की आय कम नहीं होगी।
पत्रिका टीम को रेल में सफर के दौरान ज्यादातर जरुरतमंद और मध्यम वर्ग के लोग ही मिले। यात्रियों ने बताया कि यह रेल मध्यम परिवार के लोगों के लिए आवागमन का सबसे उपयुक्त साधन हैं। इसमें कम किराए के कारण इस वर्ग के लिए यह रेल यात्रा बजट में आती है। लेकिन, दो रेलों का संचालन बंद होने से अब उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान कई विदेशी पर्यटकों को भी ट्रेन में यात्रा करते हुए देखा गया। मारवाड की तक के एक यात्री ने बताया कि अगर इस टे्रन में नियमित रूप से टिकट कि चेकिंग की जाए तो रेलवे की आय कम नहीं होगी।