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पंचायत को चरागाह नहीं मिला और पुलिस को माफिया!

खमनोर के गांवगुड़ा में चरागाह में अवैध खनन मामले में लीपापोती का खुलासा, पंचायत ने दी गोलमाल रिपोर्ट, पुलिस ने लगा दी एफआर

राजसमंदSep 24, 2021 / 11:00 pm

jitendra paliwal

पंचायत को चरागाह नहीं मिला और पुलिस को माफिया!

पंचायत को चरागाह नहीं मिला और पुलिस को माफिया!

खमनोर. ‘पंचायत को अपनी ही चरागाह भूमि का ठिकाना पता नहीं है और ना ही इलाके में गश्त पर अलर्ट पुलिस को खनन माफिया की कोई खबर है। खान एवं भू विज्ञान महकमे की सरकारी भूमि में बेहिसाब खनन हो जाने और क्वार्ट्ज पत्थर खोद ले जाने के बाद नींद खुली। राजस्व विभाग की तस्दीक पर रिपोर्ट बनाई, मगर कार्रवाई के नाम पर दोबारा मुड़कर नहीं देखा। अवैध खनन, परिवहन और चोरी के खिलाफ बने सख्त कानूनों को विभाग जब यूं ही कमजोर करेंगे तो बेखौफ और बेलगाम माफिया मवेशियों के हिस्से की गोचर भूमियां भी भला क्यों साबुत छोड़ेंगे? दरअसल छोड़ी भी नहीं। गोचर भूमि के गर्भ में दबी क्वाटर््ज पत्थरों की लाखों-करोड़ों रुपए की खनि संपदा माफिया खुले आम लूट ले गए और गांव ह्यह्यकी बेबस जनता चार-चार विभागों के भरोसे कार्रवाई होने की उम्मीद लगाए बैठी हैÓ
गांवगुड़ा ग्राम पंचायत में चरागाह भूमि में क्वार्ट्ज पत्थरों का अवैध खनन और चोरी के मामले में लीपापोती सामने आई है। पंचायत का कानूनी दायित्व गोचर भूमि के संरक्षण का है, मगर पहले तो बड़े पैमाने पर अवैध खनन होने तक चुप रही। फिर मामला सुर्खियों में आया तो सरपंच-ग्राम विकास अधिकारी ने वास्तविक तथ्यों से भ्रमित करने वाली रिपोर्ट थाने में दी। गोलमाल रिपोर्ट में न तो चरागाह या गोचर भूमि शब्द का ही कहीं जिक्र है और न ही चरागाह से जुड़े सही-सही खसरा नंबर लिखे, जहां वास्तव में अवैध खनन होना सामने आया था। सरपंच-ग्राविअ ने थाने में दी रिपोर्ट में अवैध खननकर्ताओं द्वारा एक डीआरडी सड़क को खोद देने का मामला बता दिया। रिपोर्ट में सरपंच-सचिव ने जो खसरा नंबर बताकर उनमें अवैध खनन होने की बात लिखी, वह खसरा नंबर भी निजी खातेदारों के निकले। लिहाजा पुलिस ने प्रकरण के अनुसंधान में पंचायत के बताए खसरा नंबरों वाली भूमि को सरकारी और चरागाह नहीं होना पाया। पुलिस खननकर्ताओं का भी पता नहीं लगा सकी और तथ्यों की भूल बताकर एफआर पेश कर दी। सरपंच-सचिव द्वारा निजी खातेदारों के नंबर लिखकर रिपोर्ट देने और पुलिस द्वारा फौरी जांच कर एफआर लगा देने से अवैध खनन मामले की कलई खुल गई है। उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने गांवगुड़ा में चरागाह भूमि में से क्वार्ट्ज पत्थरों की कीमती खनि संपदा को माफियाओं द्वारा अवैध खनन कर चुरा ले जाने का मामला उजागर किया था। दबाव बढऩे पर सरपंच-सचिव ने थाने में जो रिपोर्ट दी, वह भी भ्रमित करने वाली और संशयपूर्ण थी। अब पुलिस जांच और एफआर ने पूरा मामला ही संदेह के घेरे में ला दिया है।
…और तथ्यों की भूल बता लगा दी एफआर : जांच अधिकारी ने अनुसंधान का निष्कर्ष लिखा कि प्रार्थी व गवाहों के बयानों, घटनास्थल के निरीक्षण, पटवारी से प्राप्त रिकार्ड व पत्रावलियों के आधार पर मामला अदम वकुवा (तथ्यों की भूल) का पाया गया है। 22 अप्रेल 2021 को तैयार अंतिम प्रतिवेदन (एफआर) कोर्ट में पेश कर दी गई।
खसरा नं 534 की भूमि निजी खातेदारी
जांच एएसआई नंदलाल मीणा ने की। मौके का निरीक्षण भी किया और पटवारी से प्राप्त खसरा संख्या 534 की नकल, ट्रेस व सीमा जानकारी की प्रमाणित प्रतियां लीं। जांच अधिकारी ने एफआर में बताया कि करीब 4 साल पहले का खड्डा है एवं अज्ञात व्यक्तियों ने खनन किया है। खसरा संख्या 534 सरकारी या चरागाह भूमि नहीं, बल्कि बारानी किस्म की है। राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह भूमि रांकड़ का भीलवाड़ा निवासी पीथा पुत्र उदा भील, किशन पुत्र भभूत भील, भीमा पुत्र भभूत भील, लालू पुत्र वरदा भील एवं सरसी पत्नी भभूत भील के नाम दर्ज है।
सरपंच ने की थी पहली शिकायत
सरपंच किशनलाल गमेती ने 4 जनवरी 2021 को खमनोर के तत्कालीन तहसीलदार सोहनलाल शर्मा को वॉट्सअप के जरिये शिकायत की थी। शिकायत में सरपंच ने बताया था कि गांवगुड़ा रांकड़ का भीलवाड़ा और सरवडिय़ा व खूंटा खेत की तरफ जाने वाली पीडब्यूडी की डीआर सड़क को खनन माफियाओं द्वारा पूरी तरह से नीचे से खोद दिया गया है। इस पर तहसीलदार ने बाकायदा जांच कराई थी, जिसमें गांवगुड़ा की चरागाह भूमि में बड़े पैमाने पर अवैध खनन का मामला उजागर हुआ। खान विभाग ने भी मौका निरीक्षण किया और क्वाट्र्ज पत्थरों का खनन होना माना।
20 वें दिन पुलिस में दी थी ये रिपोर्ट
गांवगुड़ा ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्र तिवारी व सरपंच किशनलाल गमेती ने 23 जनवरी 2021 को खमनोर पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी कि पंचायत के राजस्व गांव रांकड़ का भीलवाड़ा और सरवडिय़ों की भागल के मध्य डीआरडी सड़क को खनन माफियाओं द्वारा नीचे से खोद दिया गया है, जिससे राजकीय संपत्ति को नुकसान हुआ है। रांकड़ का भीलवाड़ा के समीप आराजी संख्या 534 में अवैध खनन होने से अज्ञात खननकर्ताओं के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराना आवश्यक है। रिपोर्ट पर पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम-198 4 की धारा 3 व आईपीसी-18 6 0 की धारा 28 3 के तहत मामला दर्ज किया था।
सचिव, दो सरपंचों सहित 8 के बयान
प्रकरण की जांच में गांवगुड़ा के ग्राम विकास अधिकारी व दो सरपंचों सहित 8 जनों ने बयान दिए। एएसआई ने जांच में बताया कि गांवगुड़ा सरपंच किशनलाल गमेती, ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्र तिवारी, पड़ोसी पंचायत झालों की मदार के सरपंच कंवरलाल गमेती, गांवगुड़ा निवासी नरेंद्र मेहता पुत्र डालचंद मेहता, चौकड़ी की भागल निवासी किशनसिंह पुत्र रोड़सिंह, नानसिंह पुत्र भंवरसिंह, सरवडिय़ों की भागल निवासी कंवरसिंह पुत्र उदयसिंह व रामकिशन के बयान लेखबद्ध किए गए।
लिखेंगे खनन विभाग को
इस पूरे मामले को एक बार मैं फिर से दिखवाता हूं। चरागाह में अवैध खनन पर खनन विभाग को लिखा जाएगा।Ó
अभिषेक गोयल, एसडीएम, नाथद्वारा

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