8.32 फीसदी थी पिछले वर्ष सितम्बर में संक्रमण दर, 0.94 प्रतिशत पर आ गई पॉजिटिविटी रेट
घट रहा कोरोना तो क्यों बढ़ रही है लापरवाही? थोड़ा वक्त और रख लीजिए सावधानी!, जिले में कोरोना के एक्टिव केस अब केवल 37, फरवरी में सबसे कम आए कोरोना के नए मामले, नमूनों की जांच भी लगातार घट रही

राजसमंद. कोरोना का वार कमजोर तो पड़ता जा रहा है, लेकिन हमारी लापरवाही इसे महामारी के फैलाव को ताकवर बना सकती है। बीते साल के मुकाबले इस साल के पहले दो माह में कोरोना केस काफी कम आए हैं। सैम्पलिंग भी घट गई है। फिलहाल जिले में केवल 37 एक्टिव केस हैं।
कोरोना की दस्तक जिले में वर्ष 2020 के अप्रेल में दो पलायित व्यक्तियों के महाराष्ट्र से आने से हुई थी, जिसके बाद लगातार संक्रमण फैलता गया। सबसे ज्यादा केस गत वर्ष सितम्बर में आए थे, जबकि नमूनों की जांच बीते दिसम्बर में सबसे ज्यादा हुई थी। यानि संक्रमण की दर सितम्बर, 2020 में 8.32 प्रतिशत थी, जबकि दिसम्बर में यह घटकर 5.95 फीसदी हो गई। मौजूदा समय में यह दर 0.94 प्रतिशत हो गई है। कोरोना महामारी जिले में फैलने से लेकर अब तक कुल 94528 नमूने एकत्र किए गए, जिनकी जांच में 4627 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए। वर्तमान में केवल 37 व्यक्ति ही संक्रमित हैं। इनमें से भी अधिकांश सामान्य उपचार से ठीक हो रहे हैं तथा होम आइसोलेट हैं। यह आंकड़ा और स्थिति काफी सुकूनदायी है, लेकिन बाजारों, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की फिक्र को नजरअंदाज करने के नजारों से साफ पता चलता है कि महामारी की गम्भीरता को अब लोग भुलाने लगे हैं।
अब तो सरकार और प्रशासन भी बेफिक्र!
देश में कई जगहों पर कोरोना संक्रमण फिर से सिर उठाने लगा है, लेकिन इस बीच जिले में प्रशासन और सरकारी स्तर पर कोई सतर्कता नजर नहीं आ रही है। पिछले एक माह में बड़े पैमाने पर सरकार के आला मंत्रियों और जिले के आला अफसरों की मौजूदगी में दर्जनभर से ज्यादा कार्यक्रम हुए, जिनमें सैकड़ों-हजारों लोगों की भीड़ जुटी। इनमें मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग के कायदों की खूब धज्जियां उड़ी। नेताओं में कुछ ऐसे भी थे, जो खुद कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं, लेकिन मास्क पहनने तक से परहेज करते दिखे। शादी-समारोहों में भीड़-भाड़ को रोकने के लिए जुर्माना ठोंकने वाले अधिकारी खुद अधिकारी बिना मास्क पहने नजर आ रहे हैं।
वैक्सीनेशन हो रहा, मगर लापरवाही न करें
जिले में सरकार की ओर से कोरोना टीकाकारण अभियान भी चल रहा है। अब तक करीब 14 हजार लोगों का टीकाकरण हो चुका है, लेकिन करीब 11.50 लाख की जनसंख्या के मुकाबले यह आंकड़ा बेहद मामूली है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में वैक्सीनेशन से कोरोना की चेन टूटने की गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए। जिन्हें टीका लगा है, उन्हें ही कोरोना भेद नहीं सकेगा। बिना टीकाकरण के संक्रमण का खतरा बना ही रहेगा।
तीन दिन ऐसे, जब एक भी केस नहीं
जिले में पूरे कोरोनाकाल में 11 जनवरी को पहली बार एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया। इसके बाद 8 और 9 फरवरी को भी संक्रमण का मामला शून्य था। लम्बे समय से प्रतिदिन संक्रमित व्यक्तियों का आंकड़ा दहाई तक भी नहीं पहुंचा है।
2020 में कोरोना की चाल
माह/ सैम्पल/ पॉजिटिव / बाहरी व्यक्ति
अप्रेल/ 753 /2 /2
मई /2508 /138 /117
जून /5387 /116 /83
जुलाई /14372 /388 /205
अगस्त /15317 /611 /50
सितम्बर /12079 /1005 /01
अक्टूबर /6914 /547 /0/
नवम्बर /5974 /548 /0
दिसम्बर /15639 /931 /0
2021 में कोरोना सिकुड़ता जा रहा
माह /सैम्पल /पॉजिटिव /बाहरी व्यक्ति
जनवरी /9852 /287 /0
फरवरी /5733 /54 /0
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