देश में कई जगहों पर कोरोना संक्रमण फिर से सिर उठाने लगा है, लेकिन इस बीच जिले में प्रशासन और सरकारी स्तर पर कोई सतर्कता नजर नहीं आ रही है। पिछले एक माह में बड़े पैमाने पर सरकार के आला मंत्रियों और जिले के आला अफसरों की मौजूदगी में दर्जनभर से ज्यादा कार्यक्रम हुए, जिनमें सैकड़ों-हजारों लोगों की भीड़ जुटी। इनमें मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग के कायदों की खूब धज्जियां उड़ी। नेताओं में कुछ ऐसे भी थे, जो खुद कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं, लेकिन मास्क पहनने तक से परहेज करते दिखे। शादी-समारोहों में भीड़-भाड़ को रोकने के लिए जुर्माना ठोंकने वाले अधिकारी खुद अधिकारी बिना मास्क पहने नजर आ रहे हैं।
जिले में सरकार की ओर से कोरोना टीकाकारण अभियान भी चल रहा है। अब तक करीब 14 हजार लोगों का टीकाकरण हो चुका है, लेकिन करीब 11.50 लाख की जनसंख्या के मुकाबले यह आंकड़ा बेहद मामूली है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में वैक्सीनेशन से कोरोना की चेन टूटने की गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए। जिन्हें टीका लगा है, उन्हें ही कोरोना भेद नहीं सकेगा। बिना टीकाकरण के संक्रमण का खतरा बना ही रहेगा।
जिले में पूरे कोरोनाकाल में 11 जनवरी को पहली बार एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया। इसके बाद 8 और 9 फरवरी को भी संक्रमण का मामला शून्य था। लम्बे समय से प्रतिदिन संक्रमित व्यक्तियों का आंकड़ा दहाई तक भी नहीं पहुंचा है।
माह/ सैम्पल/ पॉजिटिव / बाहरी व्यक्ति
अप्रेल/ 753 /2 /2
मई /2508 /138 /117
जून /5387 /116 /83
जुलाई /14372 /388 /205
अगस्त /15317 /611 /50
सितम्बर /12079 /1005 /01
अक्टूबर /6914 /547 /0/
नवम्बर /5974 /548 /0
दिसम्बर /15639 /931 /0
माह /सैम्पल /पॉजिटिव /बाहरी व्यक्ति
जनवरी /9852 /287 /0
फरवरी /5733 /54 /0