प्रधानमंत्री जन औषधि योजना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2015 को घोषित की गई। इस योजना में सरकार द्वारा उच्च गुणमवत्ता वाली जैनरिक दवाइयां बाजार दर से ८० फीसदी कम दर पर उपलब्ध करवाई जानी हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि अभियान मूलत: जनता को जागरूक करने के लिए शुरू किया गया हैं ताकि जनता समझ सके कि ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में जैनरिक मेडिसिन कम मूल्य पर उपलब्ध हैं साथ ही इसकी क्वालिटी में किसी तरह की कमी नहीं हैं। इस योजना में आम नागरिकों को बाजार से 70 से ८० फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मिलनी हैं। केंद्र सरकार ने देशभर में ऐसे केंद्र खोलने के आदेश दिए थे।
केंद्र सरकार के अधीन संचालित ब्यूरो ऑफ पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) संस्थान ने देश के सभी जिलों में योजना के तहत औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन मांगे थे। जिसके तहत कोई भी फॉर्मेसिस्ट अस्पताल परिसर या बाजार में केंद्र खोल सकता था, ऐसे में प्रदेश के कई फॉर्मेसिस्ट्स ने अस्पताल परिसरों में केंद्र खोलने के लिए आवेदन किया था, जिसके तहत राजसमंद से जनवरी २०१६ में कांकरोली निवासी रजिस्टर्ड फार्मेसिस्ट कुलदीप शर्मा ने आवेदन किया और दिसम्बर २०१६ में उन्हें केंद्र खोलने की अनुमति मिली। लेकिन राजकीय आरके चिकित्सालय प्रशासन ने उन्हें आजतक केंद्र खोलने की जगह उपलब्ध नहीं करवाई। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि हमने जगह देने के लिए सरकार से पूछा था, लेकिन अभीतक कोई जवाब नहीं आया है। जवाब आने के बाद ही कार्रवाई हो पाएगी।
औषधि केंद्र की चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब शर्मा को अस्पताल प्रशासन द्वारा जगह नहीं उपलब्ध करवाई गई तो उन्होंने सांसद हरिओमसिंह राठौड़ और कलक्टर पीसी बेरवाल से जगह दिलवाने की मांग की, जिस पर सांसद ने सीएमएचओ और सीएमएचओ ने पीएमओ को जगह देने के लिए कहा। लेकिन आजतक उन्हें जगह उपलब्ध नहीं हो पाई, जिससे केंद्र आजतक नहीं खुल सका।
अस्पताल में जन औषधि केंद्र की जगह मुहैया करवाने के लिए विभाग से अनुमति चाहिए। हमने अनुमति पत्र भेजा था लेकिन अभीतक जवाब नहीं आया है। हम आरएमआरएस की बैठक में इस पर चर्चा करेंगे।
सीएल डूंगरवाल, पीएमओ, राजसमंद
योजना के तहत हमने राजकीय आरके चिकित्सालय परिसर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन किया था, कागजी खानापूर्ति के बाद हमें अनुमति भी मिल गई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने हमें आजतक जगह मुहैया नहीं करवाई है, उनका कहना है कि हमने सरकार से जगह देने की अनुमति मांगी है। अगर हमें जगह मिल जाए तो हम तुरंत केंद्र शुरू कर दें।
कुलदीप शर्मा, चयनित फार्मेसिस्ट, जन औषधि केंद्र राजसमंद