जनप्रतिनिधि उदासीन, प्रशासन नहीं गंभीर
राजसमंद झील से सिंचाई के लिए पानी को लेकर प्रति वर्ष विवाद होते आए हैं, लेकिन इसके समाधान को लेकन अब तक न तो जनप्रतिनिधियों ने कोई ध्यान दिया और न ही प्रशासन इसको लेकर गंभीर है। इसी वजह से सिंचाई के लिए राजसमंद झील से छोड़ा जा रहा ज्यादातर पानी बर्बाद हो रहा है। बर्बाद होने वाले पानी की बचत को लेकर भी कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है। इससे प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की भूमिका सवालों के घेरे में है।
बजट नहीं, प्रस्ताव भेज रखा
पर्याप्त स्टाफ व बजट के अभाव में संगम कमेटी गठन में परेशानी आ रही है। विभाग के आला अधिकरियों को पत्र लिखा है। बजट मिलते ही चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वैकल्पिक तौर पर किसानों की कमेटी का गठन किया जा रहा है, ताकि निर्णय हो सके।
महेन्द्रसिंह चारण, अधिशासी अभियंता जल संसाधन विभाग, राजसमंद