आर्थिक दंड के साथ सजा का प्रावधान
खाद्य निरीक्षक टीम द्वारा लिए गए सैम्पल जांच केलिए उदयपुर स्थित लैब में भेजे जाते हैं। सैम्पल को तीन श्रेणी सबस्टैंडर्ड, मिसब्रॉड और अनसेफ में वर्गीकृत किया जाता है। सबस्टैंडर्ड और मिसब्रॉड होने पर 5 हजार से 50 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। जबकि अनसेफ श्रेणी को सबसे घातक माना जाता है, इस श्रेणी का सैम्पल शरीर के लिए हानिकारक होता है। इसलिए सैम्पल इसमें आर्थिक दंड के साथ 3 माह से 1 साल की सजा का भी नियम है।
बाजार में बिक रही 30 फीसदी खाद्य सामग्री मिलावटी, मिसब्रॉड और शरीर के लिए घातक हैं। यह हम नहीं कह रहे पिछले सात सालों में चिकित्सा विभाग की खाद्य निरीक्षक टीम द्वारा भेजे गए सैम्पलों के परिणामों से साबित होती है। विभाग ने सात सालों में 634 सैम्पल लिए हैं, जिसमें से 217 सैम्पल फेल हुए हैं यानि इनमें कहीं न कहीं मिलावट साबित हुई है। सैम्पलों में सबसे ज्यादा सबस्टैंडर्ड 128, मिसब्रॉड 72 तथा 13 अनसेफ साबित हुए हैं।
अप्रेल माह में भावा स्थित फैक्ट्री से जो घी पकड़ा गया था उसके हमने चार सैम्पल लिए थे, चारों अनसेफ साबित हुए हैं। हमने सीजेएम कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। खाद्य सामग्री के अनसेफ साबित होने पर तीन माह से लेकर 1 वर्ष तक की कार्रवाई का नियम है।
-रमेश सैनी, खाद्य निरीक्षक, राजसमंद