दिनभर चहलकमी, फिर भी गार्ड नहीं
नौचोकी पाल व सिंचाई उद्यान क्षेत्र में अल सुबह से लेकर देर रात तक लोगों की चहलकदमी रहती है। कई लोग झील किनारे सेल्फी लेते हैं, तो कुछ बदमाश प्रवृत्ति के युवक वहां घूमने वाली महिलाओं व युवतियों पर फब्तियां भी सकते हैं। सुरक्षा के लिहाज से नगरपरिषद द्वारा होमगार्ड और पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ जवानों की स्थायी तैनातगी भी की जा सकती है।
चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा संकेत नहीं
राजसमंद झील किनारे एक भी जगह सुरक्षा ख्याल और चेतावनी ***** बोर्ड लगे हुए नहीं है। सिंचाई विभाग से लेकर पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा कोई चेतावनी नहीं लिखी गई है। सख्ती नहीं होने से हर कोई नहाने के लिए झील के पानी में उतर कर खुद की जान जोखिम में डाल रहा है।
दलदल- झाडिय़ा है जानलेवा
राजसमंद झील किनारे स्नान घाट के अलावा लगभग सभी जगह कूड़ा, करकट, काई व झाड़ झंखाड़ इतना है कि कोई तैराक भी छलांग लगाए, तो उसके लिए तैर कर बाहर निकलना मुश्किल है। नौचोकी पाल, श्री द्वारकाधीश मंदिर , लाल बंगला के अलावा झील का अधिकतर किनारा इसी तरह के दलदल व झाडिय़ों से अटा पड़ा है।
आपदा पर कहां करें संपर्क
झील किनारे अचानक कोई डूब जाए, तो तत्काल पुलिस व प्रशासन को सूचना देने के लिए आपात नम्बर भी कहीं अंकित नहीं है। अगर कोई पानी में डूब जाए, तो तत्काल जिला पुलिस नियंत्रण कक्ष पुलिस नियंत्रण कक्ष 02952-220712 या 100 पर कॉल लगाई जा सकती है। इसके अलावा 02952-220005 एवं 230100 पर सूचना दी जा सकती है।
कड़े सुरक्षा प्रबंध के प्रयास
झील किनारे का भ्रमण व पानी के करीब उतरना जोखिमभरा है। जोखिम वाली जगहों को चिह्नित कर सुरक्षा व चेतावनी बोर्ड लगवाए जाएंगे। साथ ही सुरक्षा के लिहाज से अन्य आवश्यक जो भी संभव होगा। वह प्रयास किए जाएंगे।
ब्रजमोहन बैरवा, अतिरिक्त कलक्टर राजसमंद
एक्सपर्ट व्यू : झील में इसलिए डूबते लोग
स्नानघाट व नौचोकी के अलावा झील का ज्यादातर किनारा जोखिमभरा है। सिंचाई उद्यान क्षेत्र में घने अंगे्रजी बबूल है। कंटीली झाडिय़ो की वजह से हर किसी के लिए तैरकर सुरक्षित बाहर निकलना मुश्किल है। झील का जल स्तर लगातार घट रहा है और अब पाल की सीढिय़ो का आखरी पायदान भी बाहर निकल आया है। इसके चलते अनजान लोग झील में छलांग लगा देते हैं। झील किनारे की चुनिंदा जगह ही सुरक्षित है। झील किनारे जिस जिस जगह जोखिम है। उस जगह चेतावनी व सुरक्षा संकेतक बोर्ड की सख्त जरूरत है। बाहर से आने वाले लोगों को झील किनारे का ज्ञान नहीं रहता और इसी वजह से वह झील में डूब जाता है। नौचोकी पाल क्षेत्र में जो भी डूबते हैं, अक्सर छलांग सीढिय़ों पर ही लगाने से चोटिल हो जाते हैं।
गोवर्धन वैष्णव, गोताखोर राजसमंद