एक दिन पहले की सांझ इसी मोहल्ले से कुछ सौ मीटर दूर हुए सनसनीखेज हत्याकाण्ड से ये सब लोग बेखबर नहीं थे। मोबाइल में लाइव मर्डर देखने के बाद सुबह के अखबारों को टटोल चुके थे। सुनी-अनसुनी बातों पर मुहर लग चुकी थी। अब कोई संशय नहीं रह गया था किसी सच्ची-झूठी बात का। हां, थोड़ा सतर्कता के साथ अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं जाहिर कर रहे थे।
खाकी वर्दीधारी और उनकी गाडिय़ां रातभर में कईबार यहां आ-जा चुकी थीं। रात के अधंरे में डर और आशंकाओं के बीच सुबह यह मोहल्ला शम्भू की हरकत से शर्मसार महसूस कर रहा था। दिन की पहली चाय का स्वाद बिगड़ चुकाथा। कईलोगों के गले रात का खाना तक नहीं उतरा। अधिकांश लोगों को यह समझ में नहीं आया कि इस वारदात के किस पहलू में खुद को खड़ा करें।
रेगर मोहल्ला के मुख्य मार्ग से थोड़ा आगे बढऩे पर गली में अंत में कौने में हत्या के आरोपित शम्भू का घर है। ऊपर पहली मंजिल पर बने कमरे में उसकी पत्नी बेसुध है। रो-रोकर आंखें सूख चुकी थीं, बोलने को शब्द नहीं थे। उसके बज्ज्चे एक से दूसरे कमरे में टहल रहे थे। घटनाक्रम से वाकिफ, मगर किसी गुमसुम। शम्भू के चचेरे भाई और कुछ रिश्तेदार आए हुए थे, जो इस वाकये के बाद उपजे ‘हालात को सम्भालनेÓ की कोशिश में जुटे थे। जिसने सवाल खड़े किए, उसके हिस्से के जवाब न चाहते हुए भी उन्हें ही देना पड़ रहा था।
परिजन और रिश्तेदार सकते में हैं कि शम्भू ने ऐसा कैसे कर दिया। उन्हें दूर-दूर तक उसके इस कदम की कोईभनक तक नहीं थी। सुबह बजे खाना खाने के बाद भान्जे और बेटी को लेकर घर से निकल गया, फिर नहीं लौटा। उसने ऐसा क्यों किया, इस पर जरूर रिश्तेदारों ने कुछ महीनों पहले के एक घटनाक्रम का जिक्र किया। अपने मोहल्ले की एक लड़की को कथित तौर पर बहला-फुसलाकर उसे पश्चिम बंगाल ले जाने और उसकी जिन्दगी बर्बाद करने का आरोप हत्या का शिकार हुए ठेकेदार पर लगाया। शम्भू के दिमाग में बदले की भावना पैठी हुई थी, जिसका जिक्र उसने हत्या के बाद जारी वीडियो में भी किया। बहरहाल, उसके इस कदम को कोई भी जायज नहीं ठहरा रहा। देर शाम तक मोहल्ले में लोगों की भीड़ चर्चाओं में मशगूल रही।
किसी संगठन का कार्यकर्ता नहीं
हत्यारे ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाने की बरसी को चुना। वीडियो में उसने हिन्दू एकता पर बल देने और जिहादियों को चुनौती देने का जिक्र किया था। नोटबंदी, पद्मावती फिल्म विवाद, इस्लामिक देशों से जहर फैलाने, पैसों से जिहादी संगठन चलाने, हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित करने, पाकिस्तान से अण्डरवल्र्ड के नाम पर डराने-धमकाने आदि का उल्लेख करते हुए जाति-धर्म के नाम पर हिन्दुओं को एकत्र होने का आह्वान किया, मगर कुछ संगठन पदाधिकारियों ने उसके जुड़ाव से पूरी तरह इनकार किया। बताया कि कार्यकर्ता के रूप में उसकी उनके संगठन से कोई सम्बद्धता नहीं थी। यही नहीं, मोहल्लेवासियों ने भी बताया कि वह कभी किसी संगठन से जुड़ा नहीं रहा, न ही किसी संगठनात्मक गतिविधि में शामिल दिखता था। उसके हिंसक विचारों को लोग कभी भांप नहीं सके।
हत्यारे ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाने की बरसी को चुना। वीडियो में उसने हिन्दू एकता पर बल देने और जिहादियों को चुनौती देने का जिक्र किया था। नोटबंदी, पद्मावती फिल्म विवाद, इस्लामिक देशों से जहर फैलाने, पैसों से जिहादी संगठन चलाने, हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित करने, पाकिस्तान से अण्डरवल्र्ड के नाम पर डराने-धमकाने आदि का उल्लेख करते हुए जाति-धर्म के नाम पर हिन्दुओं को एकत्र होने का आह्वान किया, मगर कुछ संगठन पदाधिकारियों ने उसके जुड़ाव से पूरी तरह इनकार किया। बताया कि कार्यकर्ता के रूप में उसकी उनके संगठन से कोई सम्बद्धता नहीं थी। यही नहीं, मोहल्लेवासियों ने भी बताया कि वह कभी किसी संगठन से जुड़ा नहीं रहा, न ही किसी संगठनात्मक गतिविधि में शामिल दिखता था। उसके हिंसक विचारों को लोग कभी भांप नहीं सके।
मुस्लिम समाज ने की कार्रवाई की मांग
राजसमंद के मुस्लिम महासभा द्वारा बुधवार को श्रमिक अफराजुल उर्फ गुट्टू की कतिपय आरोपी शम्भूलाल रेगर द्वारा निर्मम हत्या किए जाने पर कड़ा रोष जताया। प्रशासन से आरोपी के लिए केस ऑफीसर स्कीम के तहत पैरवी कर कड़ी सजा दिलाने की मांग की गई। जानकारी मुस्लिम महासभा जिलाध्यक्ष जाफर खान फौजदार ने दी।
राजसमंद के मुस्लिम महासभा द्वारा बुधवार को श्रमिक अफराजुल उर्फ गुट्टू की कतिपय आरोपी शम्भूलाल रेगर द्वारा निर्मम हत्या किए जाने पर कड़ा रोष जताया। प्रशासन से आरोपी के लिए केस ऑफीसर स्कीम के तहत पैरवी कर कड़ी सजा दिलाने की मांग की गई। जानकारी मुस्लिम महासभा जिलाध्यक्ष जाफर खान फौजदार ने दी।