पुलिस के अनुसार गुड़ला निवासी शंभूसिंह (25) पुत्र केसरसिंह को हत्या का षडयंत्र रचने व साक्ष्य छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सापोल निवासी किशनसिंह (20) पुत्र राजूसिंह व नया तालाब कानादेव का गुड़ा फरारा निवासी चमनसिंह (24) पुत्र रतनसिंह पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए। सापोल के किशनसिंह को पता था कि वृद्धा घीसीबाई के पास रुपए व जेवर है। इसी के तहत वह 29 अप्रैल को मुम्बई में अपने मामा के लडक़े भाई चमनसिंह व मौसेरे भाई शंभूसिंह के पास गया। तीनों भाइयों ने लूट का षडय़ंत्र रचा और 6 मई शाम साढ़े 5 बजे मुम्बई से गुड़ला आए। जहां से शंभूसिंह की बाइक से तीनों सापोल के जंगलों में किशन व चिमन को छोडक़र स्वयं कुंभलगढ़ रिछेड़ स्थित आमज माताजी के मंदिर दर्शन करने चला गया। अंधेरा होने के बाद घीसीबाई के लडक़े भभूतराम के माइंस पर चौकीदारी करने जाने के बाद वारदात करने के लिए निकल गए। शाम करीब साढ़े सात बजे वृद्धा को आवाज लगाकर मुख्य दरवाजा खुलवाया। घीसीबाई ने गेट खोलते ही किशनसिंह को पहचान लिया। बाद में किशनसिंह ने वृद्धा के हाथ पकड़े और चमनसिंह ने उसका मुंह दबाया। नाक और मुंह साथ में दबने से घीसीबाई बेहोश होकर गिर गईं। बाद में दोनों घर में घुस गेहूं की कोठी का ताला तोडक़र इसमें रखी ज्वैलरी व नकदी ले जाने लगे। जाते वक्त बदमाश वृद्धा के गले से सोने का मादलिया, चांदी की चेन व कान के झुमके, खोलकर ले गए।
ग्रामीणों ने मंत्री को सौंपा ज्ञापन
सापोल के ग्रामीणों ने राजसमंद पहुंच कर उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को ज्ञापन देकर घीसीबाई की हत्या के मामले में गिरफ्तार किशनसिंह, राजूसिंह के साथ कई लोगों के साथ होने की आशंका जताते हुए पूरे चोर गिरोह का पर्दाफाश करने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि सापोल क्षेत्र में कई मकान, दुकानों व खदानों से बाइक, बैट्री, नकदी, केबलें कई चोरियां हुई, जिनमें भी इसी चोर गिरोह का हाथ होने की आशंका है। ग्रामीणों ने बताया कि आरोपितों के परिजनों द्वारा अनैतिक तरीके से ग्रामीणों पर दबाव बनाया जा रहा है, जिससे आम ग्रामीणों की जान पर खतरा है।