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राजसमंद

सालवी समाज ने किया मृत्युभोज बंद करने का फैसला

– सामाजिक कुरीति

राजसमंदJun 06, 2020 / 08:26 pm

Rakesh Gandhi

सालवी समाज ने किया मृत्युभोज बंद करने का फैसला

सालवी समाज ने किया मृत्युभोज बंद करने का फैसला

राजसमंद। आम मेवाड़ सालवी समाज ने सर्वसम्मति से फैसला करते हुए सामाजिक कुरीति मृत्युभोज को बंद करने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है पिछले कुछ समय में कई समाज इस कुरीति से किनारा करने का फैसला कर चुके हैं।
समाज की बैठक बाबा रामदेव मंदिर ट्रस्ट मात्रिकुण्डिया परिसर में स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन का पालन करते हुए पूर्णिमा के दिन आम मेवाड़ सालवी समाज चार चोखला अध्यक्ष भगवानलाल रेलमगरा की उपस्थिति में हुई। इस बैठक में सभी ने समाज में व्याप्त मृत्युभोज जैसी कुरीति पर मंथन किया। इसके बाद राजसमन्द, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, उदयपुर, प्रतापगढ़ के समाजजनों ने मृत्युभोज को पूर्णरूप से बंद करने का निर्णय किया। साथ ही ये घोषणा की गई कि समाज के किसी भी परिवार में मृत्युभोज का आयोजन नहीं किया जाएगा, चिट्टी नहीं छपवाई जाएगी और पगड़ी दस्तूर की रस्म में निकट संबंधी रिश्तेदारों को ही बुलाया जाएगा। इसके अलावा मृत्युभोज के नाम पर किसी भी प्रकार का खर्चीला आयोजन यथा गंगोज, मौसर, नुक्ता आदि नहीं किया जाएगा और शोक संतप्त परिवार में रिश्तेदारों के लिए सादा भोजन बनाया जाएगा।
बैठक में ये तय किया गया कि यह बचत शिक्षा, छात्रावास, चिकित्सा और समाज के विकास के लिए खर्च की जाएगी। समाज के मदन औजस्वी, श्यामसिंह, नानालाल सालवी, भैरुलाल सालवी भूतेला, सुनिल मेघवंशी, लेहरुलाल कांगनी, भगवानलाल गंगरार, हंसराज चित्तौड़, पूरण मेघवंशी, कालूराम आरणी आदि ने कहा कि समाज में व्याप्त कुरीतियों और आडम्बरों पर होने वाले खर्च को बच्चों, परिवार की शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करना चाहिए, ताकि कोई परिवार कर्ज तले दबकर जेवर और जमीन बेचने पर मजबूर न हो। संविधान का सम्मान करते हुए मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 की अनुपालना पर भी जोर दिया गया।

युवा महासभा का गठन
मृत्युभोज की रोकथाम और जनजागृति के लिए आम मेवाड़ सालवी समाज युवा महासभा का गठन किया गया, जिसमें सर्वसम्मति से देवकिशन बलाई कांगणी को सम्भागीय अध्यक्ष, तुलसीराम सालवी गिलुण्ड को महासचिव, मदन औजस्वी, गिरधारीलाल काला को संरक्षक, मदनलाल को राजसमन्द, जगदीशचंद्र बलाई पुर को भीलवाड़ा, हीरालाल गंगरार को चित्तौड़ का जिलाध्यक्ष बनाया गया। इस दौरान नंदलाल आमली, रोशनलाल, प्रेमचंद, पूरणमल कांगनी, रतनलाल जूणदा, संतोष चित्तौडग़ढ़, छोगालाल लक्ष्मीपुरा, रामचंद्र जाशमा, भूपेंद्र गंगरार, रामलाल, नवलराम बोरज, प्रभुलाल मूरड़ा, उदयलाल हमीरगढ़, नानालाल सालवी दादिया, मदनलाल सालवी भूतेला, भगवतीलाल मेहरा भीलवाड़ा, मोतीलाल मोरचना, बद्रीलाल पछमता सहित कई प्रबुद्ध समाजजन मौजूद रहे।
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