निचली ओडन स्थित बाग में वैष्णवों ने गोद लेकर विभिन्न प्रजाति के फूलों की खेती शुरू की। बाग में फूलों का उत्पादन कर श्रीनाथजी की सेवा में नि:शुल्क भेजी जा रही है। खेती का सारा खर्च वैष्णव ही वहन कर रहे हैं।
निचली ओडन में बागवान शारीरिक रूप से भी अक्षम है, जो चलने- फिरने में भी अक्षम है। कामगारों ने बताया कि बागवान को प्रतिदिन बाइक पर घर से परिजन छोडक़र जाते हैं, जो दिनभर खाट पर बैठे रहते हैं और शाम को परिजन बाइक लेकर आते हैं व घर ले जाते हैं। इससे पूरे मंदिर मंडल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बाग का कुछ हिस्सा गोद लेकर हरी घास, फल, सब्जी उगाने के लिए कई वैष्णव तैयार है, मगर श्रीनाथजी मंदिर मंडल की बेतूकी शर्तों की वजह से कई वैष्णव आगे नहीं आ रहे हैं। नाथुवास गौशाला के पास वन विहारी बाग को वैष्णव परेश भाई ने गोद लिया। इजरायली टैक्नोलॉजी हाइड्रोपॉनिक्स द्वारा ग्रीन हाउस बनाकर हरी घास पैदा करने वाले थे, जिसका विशाल बावा द्वारा भूमि पूजन कर श्रीगणेश किया, मगर मंदिर मंडल बेतूकी शर्तों की वजह से वैष्णव ने कार्य करने से मना कर दिया। फिर परेश भाई ने नाथद्वारा में गणेश नगर स्थित पीयूष शर्मा के खाली भूखंड में उक्त प्रोजेक्ट स्थापित कर हरी घास उगाई और गायों को नियमित भेजी जा रही है। इसी तरह निचली ओडन बाग के मुखियाजी की बाडी में वैष्णव मनोज मोदी को गोद दिया। मोदी द्वारा हरी घास, सब्जी व फलों का उत्पादन शुरू किया। बाद में मंदिर मंडल की तथाकथित शर्तों व कारणों से मनोज मनोदी ने कार्य करने से इनकार कर दिया।