समाजसेवी राठौड़ करवाएंगे मंदिर के चारों दरवाजों का जीर्णोद्धार
मंदिर विस्तार योजना में नहीं हो पाई थी दरवाजों की मरम्मत
समाजसेवी राठौड़ करवाएंगे मंदिर के चारों दरवाजों का जीर्णोद्धार
प्रमोद भटनागर
चारभुजा. धर्मनगरी में प्रभु श्री चारभुजानाथ मंदिर के चारों दिशाओं में बने करीब 600 वर्ष प्राचीन दरवाजों का जीर्णोद्धार स्थानीय समाजसेवी बाबूलाल राठौड़ की ओर से करवाया जाएगा।
इन दरवाजों का निर्माण तत्काली मेवाड़ रियासत के महाराणा फतेहसिंह ने करवाया था। वे जब चारभुजानाथ के दर्शनों के लिए उदयपुर से यहा पहुंंचे तो उन्होंने बस स्टैण्ड, धर्मशाला व मंदिर की सुरक्षा के लिए चार दरवाजे बनवाए थे। ये दरवाजे रियासतकाल में प्रभु की संध्या आरती के बाद बन्द हो जाते थे और प्रात: मंगला आरती के समय खुलते थे। कई वर्षों से इन दरवाजों की मरम्मत नहीं होने से वर्तमान में से काफी जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं। इनके कभी-भी गिरने की आशंका भी बनी हुई है। ऐसे में दो वर्ष पूर्व देवस्थान विभाग ने मंदिर विस्तार योजना के तहत इनके जीर्णोद्धार का भी प्रस्ताव बनवाकर भिजवाया था। इसके बाद 3 लाख रुपए स्वीकृत भी हुए पर विभाग की अनदेखी से समय पर कार्य नहीं होने से बजट लेप्स हो गया।
ऐसे में स्थानीय सरपंच नाथूलाल गुर्जर के सानिध्य में सोमवार को दरवाजों की स्थिति को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। इसमें कस्बे के समाजसेवी राठौड़ ने कस्बे व मंदिर की एतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा व रखरखाव का जिम्मा लिया। उन्होंने बताया कि वे चारों दरवाजों के जीर्णोद्धार का कार्य दो माह में पूर्ण करवाएंगे। इस निर्णय पर पुजारी समाज की ओर से राठौड़ का बहुमान किया गया। ज्ञात रहे राठौड़ द्वारा धर्मनगरी के अन्दर आने वाले मार्ग पर दो प्रवेशद्वार भी बनवाए जा चुके हैं।
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